उत्तर प्रदेश के कासगंज में करीब 80 साल बाद कोई दलित दूल्हा घोड़ी चढ़ा। कासगंज के कोतवाली सिटी के निजामपुर गांव में दलित संजय जाटव और उसकी दुल्हन शीतल की बारात धूमधाम से बैंडबाजे के साथ निकली। इस दौरान पुलिस की भारी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। इसकी वजह ये थी कि इस गांव में करीब 80 साल बाद कोई दलित दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा।
दूल्हे ने पुलिस से लगाई थी सुरक्षा की गुहार
इस शादी के बाद जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। अभी तक निजामपुर गांव में दलितों को घोड़ी चढ़ने की इजाजत नहीं थी। दूल्हे ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा देने का भरोसा दिया था। बताया जा रहा है कि इस बारात में गांव और दलित समाज के लोग भी शामिल हुए। लोगों ने बारात में जमकर लुत्फ भी उठाया।
दूल्हे के घोड़ी चढ़ने से लेकर दुल्हन की विदाई तक तैनात रहा पुलिसबल
वहीं, इस शादी को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी ने बताया कि गांव में बारात शांति से चढ़ गई है। दुल्हन की विदाई तक गांव निजामपुर में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा और गांव में पुलिस फोर्स तैनात रहेगी।
शादी के दौरान खुशी के साथ-साथ दहशत भी
शादी के दौरान दुल्हन के परिजनों में खुशी के साथ-साथ दहशत भी थी क्योंकि सवर्ण समाज के ठाकुर जाति के लोगों ने दलित दुल्हन शीतल के परिजनों को धमकी भी दी थी। हालांकि इन धमकियों के बीच दलित दूल्हा बने संजय ने 80 वर्षों से बना हुआ मिथक तोड़ दिया।
150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों थे तैनात
निजामपुर की इस शादी में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने दलित दूल्हे संजय और दुल्हन शीतल की शादी का जिम्मा संभाल रखा था। बारात के मार्ग के घरों की छतों पर भी भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
वहीं, एएसपी ने बताया गया कि एक प्लाटून पीएसी के अलावा दो इंस्पेक्टर, 12 एसओ, 12 उपनिरीक्षक, 70 कांस्टेबल एवं 10 महिला कांस्टेबल के अलावा होमगार्ड आदि व पुलिस फोर्स की भारी मात्रा में तैनाती की गई थी।