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सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल दो मामलों में बरी

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के दो मामले में 20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद आज एक और कथित संत रामपाल के मुकदमों पर अदालत का फैसला आ गया।
सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल दो मामलों में बरी

सतलोक आश्रम से जुड़े दो मामलों में हिसार की जिला अदालत ने रामपाल को बरी कर दिया है। अदालत ने संत रामपाल को धारा 426 और 427 वाले मामले से बरी किया है। बता दें कि रामपाल पर एफआईआर नंबर 426 में सरकारी कार्य में बाधा डालने और 427 में आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने का केस दर्ज था। हालांकि इन दो मामलों में बरी होने के बाद भी रामपाल अन्य मामलों की वजह से फिलहाल जेल में ही रहेगा।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में रामपाल के वकील एपी सिंह ने कहा कि यह सत्य की जीत है। बीते बुधवार को रामपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर नंबर 201, 426, 427 और 443 के तहत पेशी हुई थी। कोर्ट ने उस समय एफआईआर नंबर 426 और 427 का फैसला सुरक्षित रख लिया था। रामपाल के साथ अन्य आरोपियों को भी इस मामले में बरी कर दिया गया है। इन दोनों केसों में संत रामपाल के अलावा प्रीतम सिंह, राजेंद्र, रामफल, विरेंद्र, पुरुषोत्तम, बलजीत, राजकपूर ढाका, राजकपूर और राजेंद्र को आरोपी बनाया गया था।

सतलोक आश्रम के रामपाल के खिलाफ हिसार के ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोककर बंधक बनाने के मुकदमों में 24 अगस्त को ही फैसला आना था लेकिन डेरा प्रमुख के मामले को देखते हुए इसे टाल दिया गया। रामपाल के खिलाफ इन मुकदमों में तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। हिसार के बरवाला में तीन साल पहले हुए विवाद के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था और 20 नवंबर, 2014 से वह जेल में है। तब रामपाल की गिरफ्तारी पर काफी बवाल हुआ था। उसके आश्रम से बड़ी संख्या में हथियार और पेट्रोल बम बरामद हुए थे। बाद में सतलोक आश्रम को पुलिस ने सील कर दिया था।

तब एक क्रिमिनल केस में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद अदालत में पेश न होने पर अड़े रामपाल की गिरफ्तारी के खिलाफ उसके समर्थकों ने काफी उपद्रव मचाया था। उसे गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस पर उसके समर्थकों और गुंडों की फौज ने हमला बोल दिया था। पुलिस कई दिनों की मशक्कत के बाद रामपाल को गिरफ्तार कर पाई थी। इस टकराव में सैकड़ों लोग जख्मी हुए और छह लोग मारे गए थे। दरअसल, गिरफ्तारी से बचने के लिए रामपाल अपने समर्थकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा था। उस पर देशद्रोह और हत्या के मुकदमे भी दर्ज हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है। 

आज रामपाल पर फैसले के मद्देनजर हिसार में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शहर में धारा 144 लगा दी गई। रामपाल के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई हिसार की सेंट्रल जेल में बनाई गई स्पेशल कोर्ट में चलाई गई। 

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