चमोली हादसे के बाद परिजनों को चार दिनों के बाद भी लाश नहीं मिली तो झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद मांगी। पत्र लिखा और फोन पर बात की और खेद जताया। तब राजनाथ सिंह ने बीआरओ (सीमा सड़क संगठन ) की कार्यप्रणाली पर आक्रोश जाहिर किया और शीघ्र मदद का आश्वासन दिया।
हेमन्त सोरेन ने ट्वीट किया कि उत्तरखंड में ग्लेशियर टूटने से बीआरओ में काम कर रहे वीर श्रमिकों को हमने खो दिया था। मृतकों को झारखण्ड भेजने के लिए बीआरओ द्वारा अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। फोन पर राजनाथ सिंह जी से बात हुई और उन्होंने बीआरओ की कार्यप्रणाली पर आक्रोश जताते हुए मदद का आश्वासन दिया है। इधर 26 अप्रैल को हेमन्त सोरेन ने अपने पत्र में लिखा जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से 11 झारखण्ड निवासियों की मौत हो गई है। मरने वाले सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी के रूप में वहां काम कर रहे थे। यह अत्यंत खेद का विषय है कि अभी तक बीआरओ द्वारा मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक निवास भेजने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अपने अधीनस्थ अधिकारियों को समुचित आदेश देने की कृपा करें जिससे इनके परिजनों को अंतिम दर्शन प्राप्त हो सके।
हेमन्त के खेद के बाद राजनाथ सिंह ने बीआरओ की कार्यप्रणली पर जताया आक्रोश, चामोली हादसे के चार दिन बाद भी परिजनों को नहीं मिली लाश
चमोली हादसे के बाद परिजनों को चार दिनों के बाद भी लाश नहीं मिली तो झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त...

Advertisement
Advertisement
Advertisement