Advertisement

सिंहस्थ की व्यवस्थाओं से अखाड़ा परिषद सरकार से नाराज

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेद्र गिरी महाराज ने आज मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उज्जैन में सिंहस्थ की व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गई तो साधु-संतो के सभी अखाड़े आगामी 9 मई को होने वाले दूसरे शाही स्नान का बहिष्कार कर सिंहस्थ से वापस लौट जाएंगे।
सिंहस्थ की व्यवस्थाओं से अखाड़ा परिषद सरकार से नाराज

गिरी ने आज यहां संवादाताओं से कहा, यदि प्रदेश सरकार ने पांच मई तक सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं की तो 9 मई के शाही स्नान में साधू-संत शामिल नहीं होंगे और सिंहस्थ छोड़कर वापस चले जाएंगे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) सिंहस्थ में शामिल होने वाले साधु-संतों के 13 अखाड़ों की शासी निकाय है और महंत गिरी इसके अध्यक्ष हैं। इसलिए उनकी यह चेतावनी महत्वपूर्ण है। गिरी ने कहा कि 22 अप्रैल को सिंहस्थ के पहले शाही स्नान के दौरान साधुओं के लिए उचित व्यवस्थाएं नहीं की गई और उन्हें रामघाट पर पवित्र स्नान के दौरान पर्याप्त सम्मान नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा कि रामघाट पर सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक का वक्त साधुओं के स्नान के लिए नियत किया था जबकि इस दौरान कई उच्च अधिकारी सपरिवार स्नान करते और मोबाइल से सेल्फी लेते हुए देखे गए थे, जिसमें उज्जैन के कलेक्टर कविन्द्र कियावत भी शामिल थे।

गिरी ने कहा कि हालांकि कलेक्टर ने यह कहते हुए माफी मांग ली है कि उन्हें स्नान की नियत पाबंदी के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि सरकार का यह दावा खोखला साबित हुआ कि सिंहस्थ के पहले शाही स्नान में 50 लाख से एक करोड़ लोग शामिल होंगे। कुप्रबंधन और अव्यवस्थाओं के कारण 22 अप्रैल को सिर्फ 8-10 लाख लोग ही इसमें शामिल हो सके।

प्रशासन के ई रिक्शा के संचालन के दावों के बावजूद भी सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था ठीक नहीं होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को क्षिप्रा में स्नान के लिए लगभग 9 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। उन्होंने अव्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस व्यवस्था में अनुभवहीन अधिकारियों को लगाया गया था, जिनका काम निम्न स्तर का था। उन्होंने कहा कि अनुभवी अधिकारियों को लगाकर व्यवस्था दुरूस्त करायी जाए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad