उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसेे पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। मोदीनगर थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का आदेश दिया गया।
एडीजी के आदेश पर एसएसपी ने बदल दिया मोदीनगर थाना
मोदीनगर थाने के 132 पुलिसकर्मियों के खिलाफ लाइन हाजिर की कार्रवाई तब हुई जब 4 सितंबर से अगवा कक्षा नौ की छात्रा पूनम यादव का शव बुरी हालत में जंगल में मिला। इस मामलेे को लेकर स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित हैं और पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रा के गायब होने के अगले दिन परिजनों की तहरीर पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अगले ही दिन पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। पूनम के परिजनों ने इसकी शिकायत एसएसपी से की तो उन आरोपियों समेत 5 लोगों को फिर गिरफ्तार किया। 15 सितंबर को आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने पूनम का शव अतरौली के जंगल से बरामद किया गया। जिसके बाद पूनम के परिजनों और स्थानीय लोगों का पुलिसवालों पर गुस्सा फूट पड़ा।
पुलिसवालों पर गंभीर आरोप
मोदीनगर के लोग इस घटना को लेकर बेहद आक्रोशित हैं जिसे देखते हुए इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस की लापरवाही के खिलाफ लोग सीबीआई जांच की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए थे। लोगों का कहना है कि पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर क्यों छोड़ दिया था।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ लोगों के आक्रोश को देखते हुए एडीजी (मेरठ) प्रशांत कुमार के आदेश पर एसएसपी ने कार्रवाई की और पूरे मोदीनगर थाने को बदल दिया। वहीं, साहबनगर चौकी इंचार्ज को भी सस्पेंड कर दिया गया। बता दें कि मोदीनगर थाने में तैनात 1 इंस्पेक्टर, 4 सब इंस्पेक्टर, 13 एचसीपी, 5 हेड कांस्टेबल, 13 महिला कांस्टेबल और 96 कांस्टेबल लाइन हाजिर किए गए हैं। इसे अब तक की सबसे बड़ी पुलिस के खिलाफ हुई कार्रवाई बताया जा रहा है।
पुलिस के रवैये पर सवाल
बच्ची पूनम के लापता होने के बाद लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट समय पर नहीं लिखी और पुलिसवालों ने बच्ची के परिजनों के साथ बदलसलूकी की। बच्ची का परिवार सीओ, मोदीनगर को हटाने की मांग कर रहा है।
नए पुलिसकर्मियों की तैनाती
मेरठ एडीजी प्रशांत कुमार के आदेश के बाद ना सिर्फ थाने में तैनात सभी 132 पुलिकमियों को लाइन हाजिर किया गया बल्कि नए पुलिसकर्मियों को रातो-रात मोदीनगर थाने में तैनात किया गया। वहीं, लाइन हाजिर करने के आदेश के बाद एसएसपी एचएन सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी और सीएम तक पहुंचा मामला
बच्ची का शव मिलने के बाद मोदीनगर थाने की पुलिस की जांच पर प्रश्न चिह्न लग गया। हालांकि उसी समय लापरवाही के आरोप में थाने के एसएचओ और दरोगा को हटा तो दिया गया था, लेकिन लगातार यह मामला गरमाता जा रहा था। इसके बाद स्थानीय विधायक मंजू सिवाच ने यह मामला यूपी डीजीपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यिनाथ तक पहुंचाया। परिवार ने बच्ची की गुमशुदगी के लिए किराए पर रहने वाले एक लड़के पर आरोप लगाया था, जिसने धमकी भी दी थी। परिवार ने पुलिसवालों पर आरोप लगाया कि जिन लड़कों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी उन्हें पकड़कर छोड़ दिया गया।