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सारी निगाहें नेपाल पर, इधर बिहार में 51 मौतें

हाल में आए विनाशकारी भूकंप ने बिहार में भी भारी तबाही मचाई है। बेशक, नेपाल पर आई आपादा कहीं ज्‍यादा भयानक है लेकिन वैश्विक छवि चमकाने के चक्‍कर में कहीं भारत सरकार अपने ही लोगों की अनदेखी न कर दे।
सारी निगाहें नेपाल पर, इधर बिहार में 51 मौतें

नई दिल्‍ली। शनिवार और रविवार को आए भूकंप ने नेपाल को लाशों ढ़ेर में बदल दिया है। भारत समेत पूरी दुनिया की निगाहें आपदा से जूझ रहे नेपाल पर टिकी हैं। नेपाल का गम इतना ज्‍यादा है कि अपने ही देश के एक राज्‍य में हुई 51 लोगों की मौत नजरअंदाज हो रही है। देश के विभिन्‍न इलाकों में भूकंप के बाद हुए हादसों में 66 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मरने वालों की सबसे ज्‍यादा संख्‍या बिहार में है। गृह मंत्राालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिहार में 51 लोगों की मौत हुई है जबकि 173 व्यक्ति घायल हैं। इसके अलावा उत्‍तर प्रदेश में भूकंप से 12 लोगों के मरने और 70 लोगों के घायल होने की खबर है। पश्चिम बंगाल में दो और राजस्थाान में एक व्यक्ति की मौत हुई है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए बिहार में एनडीआरएफ की पांच टीमें तैनात की गई हैं। 

 

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में भूकंप के कारण सबसे अधिक 11 लोगों की मौत हुई है। जिला में बड़ी तादाद नेपाल से आ रहे आपदा प्रभावित लोगों की भी है। पूूर्वी चंपारण के जिला जनसंपर्क अधिकारी मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि रक्सौल में जारी राहत शिविरों में दिन-रात लोगों को जरूरी मदद मुहैया कराई जा रही है। नेपाल से सटे बिहार के एक अन्य जिले सीतामढ़ी में भूकंप की आशंका से भयभीत लोग डुमरा हवाई अड्डे और अन्‍य खुली जगहों में शरण ले रहे हैं। सीतामढ़ी में भी भूकंप के कारण बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति हुई थी। इसके अलावा मोतिहारी में 4, दरभंगा में 4, सीतामढ़ी में 3, मधुबनी में 2, शिवहर में 1, आरा में 1, बेतिया में 1 और सोनपुर में 1 की मौत हो गई है। दरभंगा शहरी इलाके में भूकंप के कारण दुकान की छत, मस्जिद की छत, अस्पताल के बेड से गिरने से तीन लोग तथा एक व्यक्ति भागने के क्रम में घायल हो गए। मुंगेर जिले में भूकंप के कारण 11 व्यक्ति घायल हो गए और दो कच्चा मकान धराशाई हो गए। मुंगेर मंडलीय आयुक्त सुनील कुमार ने बताया कि भूकंप के दौरान भागने के क्रम में 11 लोग घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किशनगंज जिला के सदर थाना अंतर्गत केसरापट्टी इलाके में एक ग्रामीण बैंक की शाखा के चौथे मंजिल की दीवार में भूकंप के कारण दरारें आ गई। 

 

मुख्यमंत्राी नीतीश कुमार ने रविवार देर शाम राजधानी पटना के गांधी मैदान, इको पार्क और कृष्णापूरी पार्क और अन्य स्थानों पर जाकर दहशत के बीच खुले में रात गुजराने को मजबूर लोगों का हलचल पूछा। प्रशासन को इन स्थानों पर पेयजल और रोशनी के समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। नीतीश ने कहा कि भूकंप में मरने वालों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के तौर पर 4-4 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूकंप और अन्य आपदा के दौरान फसल और मकानों की हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है।

 

लालू ने उठाई राष्‍ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग 

इस बीच, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बिहार में भूकंप के कारण बडे पैमाने पर हुई जान-माल की क्षति पर चिंता जताते हुए कहा कि केंद्र को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर पुनर्निमाण और पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी केंद्र को उठानी चाहिए। लालू ने केंद्र से बिहार में हाल के दिनों में आए चक्रवाती तूफान तथा भूकंप में मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा के तौर पर 20-20 लाख रूपये मुआवजा दिए जाने की मांग की है। केंद्रीय कृषि मंत्राी राधामोहन सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिला में भूकंप पीडितों से मुलाकात की। 

 

 

पासवान ने बिहार सरकार पर लगाया लापरवाही का आरोप 

 

केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्राी रामविलास पासवान ने आज बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर प्रदेश में हाल में आए चक्रवाती तूफान तथा भूकंप पीडित लोगों के बीच राहत और बचाव कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया हे। पासवान का दावा है कि केंद्र बिहार को हर तरह से मदद के लिए तैयार है। आज पटना में उन्‍होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है, राज्य सरकार द्वारा बरती जा रही लापरवाही और शिथिलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन आपदाओं को लेकर नीतीश सरकार ने अब तक केंद्र को रिपोर्ट नहीं भेजी है। जबकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फसल नष्ट होने से संबंधित रिपोर्ट केंद्र को भेज चुकी हैं। 

 

नेपाल से 150 भारतीय रक्सौल पहुंचे

भूकंप प्रभावित नेपाल से करीब 150 भारतीयों के आज सुबह रक्सौल पहुंचने के बाद उन्हें विभिन्न रेलगाड़ियो से घर भेजा जा रहा है। नेपाल के पोखरा इलाके में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए दस बसें भेजी गई हैं। बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि राज्य सरकार ने नेपाल से सड़क के जरिए आज सुबह रक्सौल पहुंचे 150 भारतीय नागरिकों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की है।

 

 

 

 

 

 

 

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