सीबीआई में भ्रष्टाचार विवाद पर मचे घमासान के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने एक बड़े फैसले से सबको चौंका दिया है। अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में किसी तरह की जांच या ऑपरेशन के लिए पहले उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। नायडू के इस कदम का ममता बनर्जी ने खुलकर स्वागत किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिश्मेंट ऐक्ट 1946 के तहत उस आम सहमति को वापस ले लिया है जो दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट के सदस्यों को सूबे के भीतर अपनी शक्तियों और अधिकारक्षेत्र का प्रयोग करने के लिए दी गई थी।
अब सीबीआई आंध्र प्रदेश की सीमाओं के भीतर किसी मामले में सीधे दखल नहीं दे सकती है। राज्य सरकार ने अब सीबीआई की अनुपस्थिति में सर्च, रेड या जांच का काम ऐंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से कराने का फैसला लिया है। इस आदेश में कहा गया है कि सीएम चंद्रबाबू नायडू के सीबीआई के दुरुपयोग के आरोपों के बाद यह कदम उठाया गया है।
नायडू ने लगाए थे केन्द्र पर गंभीर आरोप
मार्च में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से संबंध तोड़ने के बाद से नायडू आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में कर रहा है। कुछ कारोबारी प्रतिष्ठानों पर आयकर अधिकारियों के हालिया छापे से नायडू बहुत नाराज हैं क्योंकि इनमें से कुछ प्रतिष्ठान राज्य की सत्तारूढ़ टीडीपी के करीबियों के हैं। बाद में उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार छापा मारने वाले आयकर अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी।
मिला ममता का साथ
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नायडू के इस कदम का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने अपने राज्य में सीबीआई को प्रवेश की अनुमति नहीं देकर सही काम किया है। ममता का कहना है कि सीबीआई बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'चंद्रबाबू नायडू ने जो किया वो सही है। सीबीआई को बीजेपी से दिशा-निर्देश मिल रहे हैं।'