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नागरिकता कानूनः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ को छात्रों ने घेरा, यूनिवर्सिटी जाने से रोका

पश्चिम बंगाल में नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर विरोध को लेकर राज्यपाल जगदीश धनखड़ और...
नागरिकता कानूनः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ को छात्रों ने घेरा, यूनिवर्सिटी जाने से रोका

पश्चिम बंगाल में नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर विरोध को लेकर राज्यपाल जगदीश धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में टकराव रहा है। मंगलवार को विरोध के चलते  पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में राज्यपाल को जाने से रोक दिया गया। वह यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि छात्र नागरिकता कानून पर राज्यपाल के बयान से खफा हैं। इस पर राज्यपाल ने कहा, 'यह कानून के शासन का पूरी तरह से पतन है।'

राज्यपाल जगदीप धनखड़ सालाना दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए कार से आ रहे थे, तभी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर छात्रों ने घेर लिया और जाने से रोक दिया। हालांकि, प्रवेश नहीं किए जाने के बाद राज्यपाल वहां से निकल गए।  राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक चांसलर और गवर्नर के रूप में मेरे लिए यह एक दर्दनाक क्षण है, अंदर छात्रों को अपनी डिग्री सौंपने के लिए इंतजार किया जा रहा है मगर मुट्ठी भर लोगों ने मुझे बाहर रोक दिया। यह कानून के शासन पूरी तरह से पतन है। राज्य सरकार ने शिक्षा को बंदी बना दिया है।

'सिस्टम को बना लिया गया है बंधक'

राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि करीब पचास लोग थे, जो मुझे रोक रहे थे। सिस्टम को पूरी तरह से बंधक बना दिया गया है।  राज्यपाल धनखड़ को जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करने और सार्वजनिक जीवन से जुड़ी हस्तियों को डिग्री देने के लिए आमंत्रित किया गया था।  इससे पहले जब राज्यपाल कल विश्वविद्यालय पहुंचे तो छात्रों ने ' भाजपा कार्यकर्ता जगदीप धनखड़ वापस जाओ' ने नारे लगाए। छात्रों ने अचानक राज्यपाल की कार घेर ली और नारेबाजी शुरू कर दी। 

अधिकारों में की गई है कटौती

हाल में पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्यपाल की शक्तियों में कटौती की है। नए नियमों के तहत, कुलपति रोजमर्रा के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता और न सलाह दे सकता है। राज्यपाल और यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अफसरों के बीच संचार राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के जरिए होगा। धनखड़ ने हाल ही में बनर्जी को उनके लिए बर्खास्त किया था। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सलाह दी थी कि उन्हें नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध से बचना चाहिए। साथ ही अपनी संवैधानिक स्थिति का ख्याल रखना चाहिए।

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