बंदूक लाइसेंस की अवैध बिक्री के सिलसिले में सीबीआई ने आज सुबह दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर में 40 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी के आवास भी शामिल हैं।
चौधरी इस समय सचिव (जनजातीय मामले) और सीईओ मिशन यूथ, जम्मू-कश्मीर हैं। उन्होंने पहले कठुआ, रियासी, राजौरी और उधमपुर जिलों के उपायुक्त के रूप में काम किया, इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों को फर्जी नामों के तहत हजारों लाइसेंस जारी किए। केंद्रीय एजेंसी कम से कम आठ पूर्व उपायुक्तों की जांच कर रही है।
जम्मू-कश्मीर में हथियार/बंदूक लाइसेंस घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की श्रीनगर शहर के तुलसी बाग इलाके में सरकारी आवासों पर की छापेमारी चल रही है। सीबीआई ने शस्त्र लाइसेंस रैकेट से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में तत्कालीन लोक सेवकों (इनमें आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं) के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में जम्मू, श्रीनगर, उधमपुर, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला, दिल्ली सहित लगभग 40 स्थानों पर तलाशी ली। लगभग 20 गन हाउस आदि पर भी छापे की कार्रवाई की गई है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में अनिवासियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर हजारों शस्त्र लाइसेंस जारी करने के आरोप से संबंधित मामले में शनिवार को छापे मारे। यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
2012 के बाद से जम्मू-कश्मीर से 2 लाख से अधिक बंदूक लाइसेंस अवैध रूप से जारी किए गए हैं। इसे भारत का सबसे बड़ा गन लाइसेंस रैकेट माना जाता है। पिछले साल आईएएस अधिकारी राजीव रंजन समेत दो अधिकारियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। रंजन और इतरत हुसैन रफीकी ने कुपवाड़ा जिले के उपायुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित रूप से अवैध रूप से ऐसे कई लाइसेंस जारी किए थे।