पश्चिम बंगाल का नाम अब बदल जाएगा। इस संबंध में राज्य विधानसभा ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव के तहत पश्चिम बंगाल को अब अंग्रेजी में बेंगाल और हिन्दी में बंगाल कहा जाएगा जबकि बंगाली भाषा में यह राज्य 'बांग्ला' के नाम से जाना जाएगा। अब केंद्र सरकार द्वारा राज्य विधानसभा के इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद ये नए नाम आधिकारिक तौर पर लागू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संबंध में कहा, आज एक ऐतिहासिक दिन है और जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। दरअसल विपक्षी दलों ने सदन में मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान वॉकआउट कर दिया था।
इस नाम परिवर्तन की वजह से अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार बनाई जाने वाली राज्यों की सूची में अब बंगाल काफी ऊपर आ जाएगा। बनर्जी ने कई बार शिकायत किया है कि 29 नामों वाली सूची में उनके राज्य का नाम अंत में आने के कारण अंतरराज्यीय बैठकों में उन्हें बहुत कम बोलने का मौका मिलता है। इस समय राज्य को बांग्ला में पश्चिम बंग पुकारा जाता है। 2001 में तत्तकालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य की सरकार ने भी राज्य का नाम बदलकर पश्चिमबंग करने का प्रस्ताव पारित किया था जिसे केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने अस्वीकार कर दिया था। दरअसल, भारत की स्वतंत्रता के समय 1947 में बंटवारा होने की वजह से बंगाल का बंटवारा हो गया था, जिसमें पश्चिम बंगाल भारत में रहा पूर्वी बंगाल नए बने देश का हिस्सा बना जो बाद में अलग होकर आज बांग्लादेश है।