कांग्रेस ने रामपाल का ज्ञापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपने का आरोप मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर लगाया है। पार्टी ने इसे संविधान और कांग्रेस की अवमानना करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा कि रामपाल हरियाणा की हिसार जेल में हत्या-राष्ट्रद्रोह जैसे गंभीर आरोप में बंद है और शुक्रवार को उसके प्रायोजित समर्थकों ने सदगुरु कबीर महोत्सव में महामहिम राष्ट्रपति की सभा में घुसकर हंगामा और नारेबाजी की।
मिश्रा ने आरोप लगाया कि रामपाल के समर्थको के सीबीआई जांच कराए जाने संबंधी एक ज्ञापन को स्वयं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने हाथों से लेकर राष्ट्रपति कोविंद को दिया। मिश्रा ने कहा कि राजनैतिक स्वार्थवश प्रायोजित संख्याबल के सामने संविधान और कानून को छोटा बताकर मुख्यमंत्री ने भारतीय संविधान के संरक्षक राष्ट्रपति को भी चुनौती दे डाली है।
शुक्रवार को राष्ट्रपति कोविंद ने राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान पर सदगुरू कबीर महोत्सव में भाग लिया था। इस महोत्सव में राष्ट्रपति और अन्य अतिथियों के सामने ही सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल के समर्थको ने हंगामा कर दिया था। बीच-बचाव करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है और उन्होने रामपाल के भक्तों के पास अपना अधिकारी भेजकर ज्ञापन मंगाया। बाद में उन्होंने यह ज्ञापन राष्ट्रपति कोविंद को सौप दिया। रामपाल हत्या और देशद्रोह के आरोप में 2014 से जेल में बंद है।