पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना लगातार एक्शन में है। न केवल इलाके में शांति व्यवस्था बनाए जाने के प्रयास तेज हैं, बल्कि सीमाओं पर भी जवानों की मुस्तैदी बनी हुई है। अब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आदिल थोकर, जिसे आदिल गुरी के नाम से भी जाना जाता है, का घर ध्वस्त कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने अधिकारयों के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी दी। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा ब्लॉक के गुरी गांव का निवासी आदिल गुरी पहलगाम हमले में शामिल माना जाता है, जिसमें एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे।
बता दें कि उसे मोस्ट वांटेड घोषित किया गया था और अनंतनाग पुलिस ने उसके बारे में कोई भी विशेष जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। इस मामले में दो पाकिस्तानी नागरिकों को भी मोस्ट वांटेड घोषित किया गया।
आदिल ने 2018 में वैध तरीके से पाकिस्तान की यात्रा की थी, जहां उसने पिछले साल जम्मू-कश्मीर लौटने से पहले कथित तौर पर आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
इस बीच, पुलिस ने शुक्रवार सुबह बताया कि बांदीपुरा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। अधिकारियों के अनुसार, आज सुबह जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई।
सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर जिले के कुलनार अजस इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने एक्स पर लिखा, "25 अप्रैल 2025 को आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा बांदीपुरा के कोइनार अजस के सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया था। संपर्क स्थापित किया गया और गोलीबारी शुरू हो गई।"
यह घटना 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर आतंकवादियों के हमले के बाद मचे शोर के बीच हुई है, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।
आतंकवादी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना, और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना।
पहलगाम हमले को लेकर देश भर में आक्रोश फैल गया है। पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।