बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए बिहार सरकार ने राजधानी पटना में एक फरवरी से डीजल से चलने वाले ऑटो के परिचालन पर रोक लगा दिया है। अब ऑटो चालको को को अपने ऑटो डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट कराना होगा। राज्य सरकार का मानना है कि इससे शहर में प्रदुषण के बढ़ते स्तर में कमी आएगी।
राज्य सरकार के इस फैसले को ऑटो संघ और बिहार कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने तुगलकी फरमान बताया है। दरअसल, सीएनजी में कंवर्ट करने वाली कीट की उपलब्धता न होने से ऑटो चालक खफा और चिंतित हैं। बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि पहले सीएनजी किट उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसकी अनुपलब्धता के बीच डीजल ऑटो परिचालन पर प्रतिबंध लगाना सरकार की तुगलकी मानसिकता को दर्शाता है।
राज्य सरकार के फैसले का डीजल ऑटो चालकों ने विरोध किया है। इस बाबत रविवार को पटना जंक्शन स्थित टाटा पार्क में चालकों की बैठक हुई। बैठक में मांग की गई कि शहर में चलने वाले सभी डीजल ऑटो के बदले नया सीएनजी ऑटो सरकार द्वारा दिया जाए। ऑटो रिक्शा चालक संघ का कहना है कि यदि राज्य सरकार ऐसा नहीं करती है तो आंदोलन किया जाएगा। साथ ही सब्सिडी 40 हजार की जगह 60 हजार रुपए की मांग की गई है।