जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फॉरेंसिक जांच से पुष्टि हो चुकी है कि जिन उत्तरपुस्तिकाओं की वजह से रूबी ने टाप किया, वे किसी और की लिखी हुई थीं, क्योंकि उन उत्तरपुस्तिकाओं के हस्तलेख रूबी के हस्तलेख से नहीं मिलतेे। इसके अलावा नकली उत्तरपुस्तिकाओं पर शिक्षा बोर्ड का वॉटरमार्क भी नहीं लगा हुआ था, जिससे पता चलता है कि घपले में शामिल लोग कितने बेखौफ थे।
रूबी ने पूछताछ के दौरान अपराध कबूल करते हुए कहा था कि वह सिर्फ 12वीं कक्षा की परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहती थी, और टॉप करना उसका उसका लक्ष्य कभी नहीं था।
पुलिस का कहना है कि उत्तरपुस्तिकाओं की फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट से उन्हें सभी आरोपियों का दोष सिद्ध करने में मदद मिलेगी। इनमें जमानत पर रिहा हो चुकी रूबी के अलावा शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ललकेश्वर प्रसाद सिंह तथा वीएन राय कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय भी शामिल हैं।
इस घोटाले के सिलसिले में अब तक 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि रूबी तथा उसी के जैसे अन्य परीक्षार्थियों के लिए उत्तरपुस्तिकाएं लिखने वाले लोगों की तलाश की जा रही है।