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उमा भारती ने पहले ही शुरू हो चुकी ट्रेन को दोबारा दिखाई झंडी, कांग्रेस का विरोध

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने ललितपुर रेलवे स्टेशन पर खजुराहो पैसेंजर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गौर हो कि यह वही ट्रेन है, जिसे 26 अप्रैल 2013 को केंद्रीय राज्यमंत्री प्रदीप जैन ने ललितपुर में ही हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। हालांकि इस बार ट्रेन की पट्टी बदल दी गई है।
उमा भारती ने पहले ही शुरू हो चुकी ट्रेन को दोबारा दिखाई झंडी, कांग्रेस का विरोध

 

पहले ट्रेन में ललितपुर- टीकमगढ़ के नाम की पट्टी लगी थी। अब इसका नाम ललितपुर-टीकमगढ़-खजुराहो कर दिया गया है। कांग्रेस ने मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। झांसी मंडल रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य विकास यादव का कहना है कि एक ही ट्रेन को दो बार झंडी दिखाना पूरी तरह गलत है।

कार्यक्रम के बाद उमा भारती ने कहा कि पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि लेकिन उनके अकेले चाहने और बोलने से इस मसले पर कुछ नहीं होगा। गौर हो कि मप्र और उप्र के जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड बनाया जाना है। इसके लिए दोनों राज्यों की सहमति जरूरी है।

बीते मंगलवार को झांसी-खजुराहो पैसेंजर ट्रेन जैसे ही ललितपुर स्टेशन पर पहुंची तो पृथक बुंदेलखंड की मांग कर रहे बुंदेलखंड विकास सेना के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पटरियों पर लेट गए। आखिरकार ट्रेन को रुकना पड़ा और उमा भारती नीचे उतरीं।

स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में उमा भारती ने विकास सेना के लोगों से कहा कि वे अपना आंदोलन तेज करें, ताकि दोनों प्रदेशों की सरकारें और केंद्र सरकार इस पर विचार करे। पूरा मामला केंद्र और राज्य पर डालने के बाद वे टीकमगढ़ रवाना हो गईं। विकास सेना के कार्यकर्ताओं का कहना था कि लोकसभा चुनाव के दौरान उमा भारती ने पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाए जाने का चुनावी वादा किया था। लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए।

 

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