भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता उच्चतम न्यायालय में लंबित याचिका का हवाला देते हुए दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले में बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुईं। उच्चतम न्यायालय में लंबित याचिका में उन्होंने ईडी द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया है।
तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य तथा राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने अपना अधिकृत प्रतिनिधि (बीआरएस का एक पदाधिकारी) भेजा, जिन्होंने मामले के जांच अधिकारी को उनके लेनदेन के बारे में छह पृष्ठ का प्रतिवेदन, बैंक स्टेटमेंट, व्यक्तिगत व व्यावसायिक विवरण प्रदान किया।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस मामले में ईडी के समन को चुनौती देने और गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग करने वाली कविता की याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई करने पर सहमति जताई थी।
कविता (44) से इस मामले में पहली बार 11 मार्च को पूछताछ की गई थी, जिसके बाद उन्हें 16 मार्च को फिर से पेश होने के लिए कहा गया था।
ईडी को भेजे गए पत्र में कविता ने कहा कि चूंकि समन में यह नहीं कहा गया है कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत है, इसलिए वह अपने ‘अधिकृत प्रतिनिधि’ को भेज रही हैं।
उन्होंने लिखा, ‘मैं विनम्रतापूर्वक आपसे विनती करती हूं कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष कार्यवाही लंबित है, इसलिए समन के बारे में कोई भी कार्रवाई करने से पहले उसके निर्देश का इंतजार किया जाना चाहिए।’