इस तरह के तमाम ध्रुवीकरण को नाकाम करने के मकसद से एक राज्यव्यापी कारवां निकालने की तैयारी शुरू हो गई है। यह मार्च 26 से लेकर 10 अप्रैल तक निकाला जाएगा। केरल मुस्लिम लीग के युवा मोर्चे ने इसके लिए राज्य के अलग-अलग इलाकों में सम्मेलन करने शुरू कर दिए है। केरल के पालाकाड जिले में हुए इस तरह के पहले सम्मेलन में केरल के पंचायती राज और सामाजिक न्याय मंत्री एम.के. मुनीर ने शिरकत की।
उन्होंने आउटलुक को बताया कि राज्य में किसी भी तरह के उन्माद की स्थिति को रोकने के लिए जनता को जागरूक करना और सबल बनाना जरूरी है। उन्होंने माना कि केरल सांप्रदायिक ताकतों के निशाने पर है। इसे रोकने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ इस तरह की कोशिशों पर बल दिया मुनीर ने।
केरल मुस्लिम लीग के युवा मोर्चे के सचिव सी.के. सुबैर ने बताया कि अगर यह कारवां केरल में सफल रहता है तो इसे देशव्यापी करने कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद विद्वेष की राजनीति फैल रही है, इसकी काट करनी जरूरी है।
सुबैर ने बताया कि इस समय धर्मनिरेपेक्षता पर जबर्दस्त खतरा मंडरा रहा है। इसे बचाने के लिए और केरल को सांप्रदायिक तनावों से मुक्त रखने के लिए पूरे राज्य में 40 जगहों पर इस तरह के छोड़े बड़े सम्मेलन किए जाएंगे। इसमें लोगों को देश में बढ़ते फासीवाद के खतरों से आगाह किया जाएगा और उन्हें इस अभियान से जोड़ा जाएगा।
यह भी सवाल उठा कि इस तरह के तमाम अभियानों में महिलाओं की उपेक्षा की जाती है, जो उचित नहीं है। लिहाजा आगे की तैयारियों में उनकी शिरकत सुनिश्चित करने पर भी बात हुई।