भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक एके खान ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अदालत ने हिरासत में लिए जाने से पहले रेड्डी को विधायक कोटे से परिषद के चुनाव में वोट डालने की अनुमति प्रदान कर दी। गौरतलब है कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव सरकार के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं और हाल के दिनों में उन्होंने कई मौकों पर सरकार की आलोचना की है। विधान परिषद चुनाव में भी वह लगातार सक्रिय रहे हैं और उन्होंने विधायकों से अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर वोट देने की अपील की है। पूरे घटनाक्रम को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेदेपा ने पार्टी की मानहानि वाला झूठा मामला करार दिया।
मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन की शिकायत के आधार पर एसीबी ने रेड्डी और दो अन्य- बी सेबैस्टियन हैरी तथा उदय सिम्हा को बीती रात हिरासत में ले लिया और आज सुबह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एसीबी के अनुसार रेड्डी और उनके सहयोगी ने पांच करोड़ रुपये के सौदे के तहत स्टीफेंसन को 50 लाख रुपये की रिश्वत का अग्रिम भुगतान करने की पेशकश की। जब एसीबी ने उन्हें पकड़ा तब वे नकदी देने सिकंदराबाद स्थित स्टीफेंसन के आवास पर गए थे। प्रारंभिक जांच के बाद इन लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 12 और भादंसं की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अग्रिम भुगतान के रूप में बताई जा रही 50 लाख रुपये की नकदी बरामद कर ली गई।