अवैध खनन के छह साल पुराने मामले में शनिवार को सीबीआई ने अब कार्रवाई शुरू की है। इस मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सीबीआई जांच का सामना कर सकते हैं। इससे पहले सीबीआई की टीम ने चर्चित आईएएस बी चंद्रकला, सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा और बसपा नेता सत्यदेव दीक्षित के आवास और प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। इस दौरान सीबीआई ने बंद कमरे में आरोपियों से पूछताछ की। साथ ही मोरंग व्यवसायी के घरों में अलमारियों के ताले तोड़े, सोफे और बेडों को खोलकर की तलाशी ली गई।
क्या हैं आरोप?
2008 बैच की आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला लखनऊ में योजना भवन के पास सफायर अपार्टमेंट (सरोजनी नायडू मार्ग) में रहती हैं। फिलहाल वह स्टडी लीव पर हैं। बी चंद्रकला हमीरपुर, मथुरा, बुलंदशहर, बिजनौर और मेरठ में डीएम रह चुकी हैं। सपा सरकार में बी चन्द्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में डीएम के पद पर हुई थी। सीबीआई टीम ने उनके आवास पर छापेमारी की। आरोप है कि उन्होंने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मोरंग के खनन के पट्टे किए थे जबकि ई-टेंडर के जरिए मोरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था लेकिन बी. चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी।
शासन के निर्देश के बाद डीएम भवनाथ ने दो, डीएम संध्या तिवारी ने आठ मोरंग खनन के पट्टों की स्वीकृति दी थी। हमीरपुर जिले में 60 मोरंग खनन के पट्टे गलत ढंग से पास किए गए थे। वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मोरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मोरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे।
इसके अलावा 20 जून 2016 को नवीनीकरण और बाधित अवधि के मोरंग पट्टों के खनन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए निरस्त किए थे। याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी के मुताबिक मोरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें और याचिका पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
अखिलेश का पास था खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘मामले की छानबीन के दौरान संबंधित अवधि में तत्कालीन खनन मंत्री की भूमिका की भी जांच हो सकती है।’’ प्राथमिकी के मुताबिक 2012 से 2017 के बीच मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के पास 2012-2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार था। इससे उनकी भूमिका जांच के दायरे में आ जाती है। उनके बाद 2013 में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे और चित्रकूट में एक महिला द्वारा बलात्कार की शिकायत के बाद 2017 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
सपा एमएलसी के घर भी छापेमारी
अवैध खनन के मामले में सीबीआई टीम कानपुर भी पहुंची। यहां टीम ने नौबस्ता इलाके में सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के घर पर छापेमारी की। इसके अलावा हमीरपुर में सीबीआई टीम ने दो बड़े मोरंग व्यवसायियों के घरों में छापेमारी।
सीबीआई ने बंद कमरे में आरोपियों से पूछताछ की। मोरंग व्यवसायी के घरों में अलमारियों के ताले तोड़े, सोफे और बेडों को खोलकर तलाशी की गई। सपा सरकार में बडे पैमाने पर अवैध खनन में दोनों व्यवसायी लिप्त थे। इस बारे में सीबीआई के अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।