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केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मणिपुर वायरल वीडियो मामले में दर्ज की एफआईआर

मणिपुर में पिछले करीब दो महीनों से जारी हिंसा के बीच एक वीडियो ने घमासान मचा दिया। कुछ दिनों पहले वायरल...
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मणिपुर वायरल वीडियो मामले में दर्ज की एफआईआर

मणिपुर में पिछले करीब दो महीनों से जारी हिंसा के बीच एक वीडियो ने घमासान मचा दिया। कुछ दिनों पहले वायरल हुई वीडियो, जिसमें दो महिलाओं को आदमियों की एक भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाते देखा गया, के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इस बीच मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने चुराचांदपुर में राहत केंद्रों का दौरा किया और शिविरों में लोगों से बातचीत की।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सीबीआई अधिकारी के हवाले से इस बात की पुष्टि की। सीबीआई अधिकारी ने कहा, "केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मणिपुर वायरल वीडियो मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।"

वहीं, इस बीच मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने चुराचांदपुर में राहत केंद्रों का दौरा किया और शिविरों में लोगों से बातचीत की। राज्यपाल ने कहा, "सरकार उन लोगों को मुआवजा देगी जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है और संपत्ति का नुकसान हुआ है। मैं शांति और मणिपुर के लोगों के भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करूंगी।"

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राहत केंद्रों के दौरे के दौरान कहा, "लोग पूछ रहे हैं कि राज्य में शांति कब बहाल होगी। मैं लगातार कोशिश कर रही हूं कि शांति बहाल करने के लिए दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे से बात करें। हम उनसे भी बात कर रहे हैं और सभी राजनीतिक दलों से इस प्रक्रिया में मदद करने के लिए भी कहा है।''

विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसदों की राज्य की दो दिवसीय यात्रा पर मणिपुर के राज्यपाल ने कहा, "मैं उनसे राज्य में शांति बहाल करने में योगदान देने की अपील करती हूं।"

बता दें कि मणिपुर पुलिस ने वायरल वीडियो के संबंध में पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया। इससे पहले पुलिस ने बताया था कि मामले के मुख्य आरोपी का घर भीड़ द्वारा जला दिया गया था। पुलिस के मुताबिक, वीडियो में उसे (मुख्य आरोपी) कांगपोकपी जिले के बी. फीनोम गांव में भीड़ को निर्देशित करते हुए प्रमुख रूप से देखा गया था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया।

वीडियो में नज़र आई एक महिला, पूर्व आर्मी जवान की पत्नी है, जिन्होंने असम रेजिमेंट में बतौर सूबेदार देश सेवा की और यहां तक कि वह कारगिल युद्ध में भी लड़े। ज्ञात हो कि वायरल वीडियो के संबंध में अब से एक माह पहले, 21 जून को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

एफआईआर में दावा किया गया कि चार मई को सरेराह दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने और उनका यौन शौषण करने से पहले, भीड़ द्वारा एक युवक की हत्या की गई, जो अपनी बहन का बलात्कार होने से बचाने का प्रयत्न कर रहा था।

दरअसल, मेइती समुदाय की "अनुसूचित जनजाति दर्जे" की मांग के विरोध में तीन मई को मणिपुर के पहाड़ी जिलों में निकाले गए "आदिवासी एकजुटता मार्च" में पहली बार हिंसा भड़की थी। इसके बाद अनेकों हिंसात्मक घटनाओं में अबतक, 160 से भी अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल भी हुए।

मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।

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