चंडीगढ़ प्रशासन हर्षित शर्मा के गूगल में नौकरी पाने की आधिकारिक बयान की जांच करेगा। यह बयान प्रशासन के शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया था। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शिक्षा विभाग के सचिव बीएल शर्मा ने बताया, 'विभाग की तरफ से यह आधिकारिक बयान मेरी जानकारी में नहीं था। मैंने निदेशक से मामला देखने को कहा है।'
इससे पहले अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने खबर छापी थी कि चंडीगढ़ के सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंड्री स्कूल से अभी आईटी स्ट्रीम से बारहवीं करने वाले हर्षित शर्मा को गूगल में नौकरी मिल गई है। यहां हर महीने उसकी तनख्वाह 12 लाख रुपए होगी।
लेकिन यह कहानी संदिग्ध नजर आने लगी थी। गूगल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि उनके पास हर्षित शर्मा से जुड़ा कोई रिकॉर्ड नहीं है। यह बात गूगल ने मंगलवार को बताई।
यही नहीं हर्षित ने मीडिया से कहा भी था, “मैं बता नहीं सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं। मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे मेरा सपना पूरा हो गया है। मेरी मेहनत रंग लाई है। मैंने सोचा भी नहीं था कि गूगल मुझे सेलेक्ट कर लेगा। मैं जब 10 साल का था तब से अपने चाचा रोहित शर्मा से ट्रेनिंग ले रहा हूं। धीरे-धीरे ये मेरा जुनून बन गया। हमेशा से मेरा मकसद गूगल में नौकरी करने का था। मैं जो कुछ भी हूं अपने चाचा की वजह से हूं।''
ऐसा कहा गया कि शुरुआत में एक साल हर्षित को ट्रेनिंग पर रखा जाएगा और उसके लिए उसे हर महीना 4 लाख रुपए तनख्वाह दी जाएगी। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद हर्षित को हर महीने 12 लाख रुपए सैलरी मिलेगी।
क्या था दावा
दावा था कि गूगल ने हर्षित को ग्राफिक डिजाइनर के रूप में नियुक्त किया है। यह भी कहा गया कि हर्षित 7 अगस्त को गूगल में ट्रेनिंग करने के लिए कैलिफोर्निया जाएगा।