आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में कटौती की गई है। बेटे नारा लोकेश को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा को हटा लिया गया है। पूर्व मंत्री नारा लोकेश की सुरक्षा को 5+5 से घटाकर 2+2 कर दिया गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को चंद्रबाबू नायडू का बंगला 'प्रजा वेदिका' तोड़ने के आदेश दे दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नायडू का घर तोड़ने की कार्रवाई बुधवार से शुरू होगी। तेलुगू देशम पार्टी ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है। बताया जाता है कि कुछ ऐसा ही कारनामा नायडू सरकार ने जगन मोहन रेड्डी के विपक्ष में रहते हुए किया था। फिलहाल, 'प्रजा वेदिका' में ही चंद्रबाबू नायडू रह रहे हैं।
टीडीपा का आरोप है कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति कोई सद्भावना नहीं दिखाई और चंद्रबाबू नायडू का सामान घर से निकाल बाहर फेंका। चंद्रबाबू नायडू तब से कृष्णा नदी के किनारे उंदावल्ली स्थित इस आवास में रह रहे थे, जब से आंध्र प्रदेश ने अपना प्रशासन हैदराबाद से अमरावती शिफ्ट किया था।
पिछले दिनों नायडू ने जगन मोहन रेड्डी को लिखा था लेटर
नायडू ने इस महीने के प्रारंभ में मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखकर इस ढांचे का उपयोग बैठकों के लिए करने देने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया था कि वह इसे नेता प्रतिपक्ष का आवास घोषित कर दे।
लेकिन सरकार ने प्रजा वेदिका को कब्जे में लेने का शुक्रवार निर्णय लिया और घोषणा की कि कलेक्टरों का सम्मेलन वहां होगा। पहले यह सम्मेलन राज्य सचिवालय में होना तय था। नायडू इस समय परिवार के सदस्यों के साथ विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं।
टीडीपी नेता अशोक ने लगाया था ये आरोप
टीडीपी नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी समानों को बाहर फेंक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसर को कब्जे में लेने के सरकार के निर्णय के बारे में पार्टी को सूचित तक नहीं किया गया। नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने हालांकि तंज कसा और कहा कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जिस तरह का बर्ताव जगन मोहन रेड्डी के साथ किया गया था, जब वह नेता प्रतिपक्ष थे।
जानें कब किया गया था प्रजा वेदिका का निर्माण
प्रजा वेदिका का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपीसीआरडीए) के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के एक विस्तार के रूप में किया था। पांच करोड़ रुपये में निर्मित इस आवास का इस्तेमाल नायडू आधिकारिक उद्देश्यों के साथ ही पार्टी की बैठकों के लिए करते थे।
बेटे से पहले जब घटा दी गई थी चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा
बेटे से पहले आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा घटा दी गई थी। राज्य के गन्नवरम हवाई अड्डे पर पूर्व मुख्यमंत्री को 15 जून को तलाशी से गुजरना पड़ा था। नायडू को विमान तक जाने के लिए वीआईपी सुविधा से भी वंचित कर दिया गया था। उन्हें आम यात्रियों के साथ शटल बस में यात्रा करनी पड़ी थी।
आंध्र प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता चंद्रबाबू नायडू को Z+ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। इसमें 24 घंटे उनके साथ 23 सुरक्षाकर्मी और एस्कॉर्ट की गाड़ियां रहती हैं। 2003 में तिरुपति के अलिपिरि में माओवादियों ने उनपर हमला कर दिया था. इसके बाद से उनको Z+ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।