हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने जम्मू कश्मीर में भूमि कानूनों में बदलाव पर शुक्रवार को चिंता व्यक्त करते हुए इसे केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को ‘शक्तिहीन’ करने का प्रयास करार दिया।
अलगाववादी संगठन ने श्रीनगर में एक बयान में कहा कि अधिकारियों को ‘‘ऐसे फरमान वापस लेने चाहिए तथा लोगों की समस्याओं को और नहीं बढ़ाना चाहिए।’’
बयान में कहा गया, ‘‘अधिकारियों द्वारा ‘सुधार’ के नाम पर जम्मू-कश्मीर के भूमि कानूनों में किए गए कठोर बदलाव जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को शक्तिहीन करने और उनकी भूमि को छीनने का एक और प्रयास है, जिस पर प्राकृतिक सिद्धांत के अनुसार उनका पहला अधिकार है।’’