गुरुवार को न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल ने शेर सिंह बडशामी और दो अन्य आईएएस अधिकारियों विद्याधर और संजीव कुमार की भी 10 साल कैद की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को कलंकित कर दिया और भ्रष्टाचार करके इस प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाया है। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि दोषियों ने दूसरे लोक सेवकों के मूल्यों के मापदंडों को चुनौती दी और अन्य पर भी इसमें शामिल होने के लिए दबाव डाला। उच्च न्यायालय ने शेष 50 दोषियों को भी दो-दो साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने अपने सामने लंबित सभी जमानत आवेदनों का भी निपटान करते हुए इन लोगों को आत्मसमर्पण करने के निर्देश जारी किए।
चौटाला पिता-पुत्र की सजा बरकरार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े घोटाले के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और तीन अन्य को भ्रष्टाचार के जुर्म में दी गई 10 साल की कैद की सजा को बरकरार रखा है।

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