चुनावी साल में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने बड़ा दांव खेला है। लंबे समय से नाराज चल रहे शिक्षाकर्मियों के संविलियन का उन्होंने ऐलान किया है। रमन सिंह ने रविवार को अंबिकापुर में विकास यात्रा के दौरान इसकी घोषणा की। माना जा रहा है कि इस फैसले से राज्य के 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों के संविलियन का रास्ता साफ हो गया है।
क्या बोले रमन?
रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश के स्कूली बच्चों की गुणवत्ता में शिक्षाकर्मियों का योगदान रहा है। इसी के चलते प्रदेश के छात्र पूरी दुनिया में नाम रौशन कर रहे हैं। अब शीघ्र मंत्रीमंडल की बैठक कर इसका क्रियान्वयन होगा।
शिक्षाकर्मियों ने बनाया दबाव
सालों से छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी लगातार अपने संविलियन को लेकर आंदोलन और प्रदर्शन करते रहे हैं। इन अभियानों में सेल्फी विद फैमली अभियान से सरकार पर दबाव बनाने की भी कोशिश की गई। शिक्षाकर्मियों का दावा था कि प्रदेश के 1.80 लाख शिक्षाकर्मियों के परिवार में 4 से 5 सदस्य हैं। उनकी समर्थकों की संख्या लगभग 9 लाख से ज्यादा हैं। इस दौरान शिक्षाकर्मियों ने राज्य सरकार से अपनी मांग को पूरा करने का अनुरोध किया था। मांग पूरा नहीं होने पर सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था। ऐसे में चुनावी साल में शिक्षाकर्मियों की नाराजगी को दूर करने सरकार ने यह कदम उठाने का फैसला किया।