राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और अन्य संबंधित विभाग शामिल होंगे।
दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक तथा चार पहिया वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया।
दिल्ली-एनसीआर में लगातार छठे दिन जहरीली धुंध छाई रही, जिससे दृश्यता का स्तर कम हो गया और सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए परेशानियां बढ़ गईं। दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई अपराह्न चार बजे 454 दर्ज किया गया। इसके परिणामस्वरूप शहर में क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे व अंतिम चरण के तहत प्रतिबंध लागू किए गए, जिसमें अन्य राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-छह मानक का पालन करने वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति होगी। वहीं, आवश्यक सेवाओं में शामिल वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट मिलेगी।
दिल्ली में मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के बीच शहर में प्रति वर्ष सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ जाती है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के विश्लेषण के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के मुताबिक, रविवार को उत्तर भारत से पराली जलाने की कुल 4,160 घटनाएं सामने आईं, जो इस मौसम में अब तक की सबसे अधिक घटनाएं हैं। वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब के बठिंडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 375, मंडी गोबिंदगढ़ में 291, खन्ना में 255, पटियाला में 248 और लुधियाना में 243 दर्ज किया गया। हरियाणा में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। फरीदाबाद में एक्यूआई 450, फतेहाबाद में 442, कैथल में 434, हिसार में 427, गुरुग्राम में 402, जींद में 401, सिरसा में 390, रोहतक में 362, पानीपत में 346, कुरूक्षेत्र में 330 और करनाल में 319 रहा। पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में एक्यूआई 212 दर्ज किया गया।
वहीं, गाजियाबाद में एक्यूआई 494, जबकि गुरुग्राम में 402, नोएडा में 414, ग्रेटर नोएडा में 410 और फरीदाबाद में 450 रहा। एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।