जानकारी के मुताबिक 1992 में बना'रॉबिंसन R44' हेलीकॉप्टर पहले पवन हंस के पास था। अब इसका इस्तेमाल घूमने के लिए होता है।
पायलट ने पवई के पास आपात स्थिति के बारे में जानकारी दी और आगे जाकर यह आरे कॉलोनी इलाके में क्रैश हो गया। हेलिकॉप्टर आरे कॉलोनी के फिल्टर पाडा इलाके में क्रैश हुआ। बता दें कि आरे कॉलोनी कोई रिहायशी इलाका नहीं है। यह जंगल का इलाका है और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पायलट ने यहां हेलिकॉप्टर को क्रैश लैंड करवाने की कोशिश की होगी।
रॉबिंसन हेलीकॉप्टर हादसे के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम ने आरे कॉलोनी स्थित घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। ईंधन की कमी से हादसा हुआ या फिर अन्य तकनीकी वजह रही, इसकी जांच चल रही है। हेलीकॉप्टर हादसे की सूचना पर तत्काल दमकल वाहन पहुंचे और मलबे में लगी आग बुझाई।