घटना की पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई हैं मगर बताया जा रहा है कि इंसानी जान के नुकसान की फिलहाल कोई सूचना नहीं है। चूंकि घटना सुबह हुई इसलिए इसलिए लोगों को जान बचाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचने का मौका मिल गया। यह घटना अगर चंद घंटे पहले या बाद बाद में हुई होती तो कई जानें जा सकती थीं क्योंकि रात में तो लोग घरों में सोए पड़े होते जबकि दिन पूरी तरह चढ़ने पर काम पर जा चुके होते। ऐसे में उन्हें अपने परिवारों को सुरक्षित बचाने का मौका नहीं मिल पाता। वैसे बताया जा रहा है कि धरमपुर बस स्टैंड पर अभी कम से कम 11 लोग फंसे हुए हैं। वैसे घटना की विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। हिमाचल में हर वर्ष बारिश के मौसम में बादल फटने की एक न एक घटना हो ही जाती है।
क्या है बादल फटना
बादल फटना दरअसल भारी और असामान्य बारिश के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द है जिसमें किसी एक इलाके में ही बेहद कम समय में इतनी अधिक बारिश हो जाती है कि लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिलता और हर ओर कई फीट पानी जमा हो जाता है। पहाड़ों पर कई बार इसके कारण भूस्खलन की घटनाएं होती हैं जो स्थिति को और खराब कर देती हैं और इसके कारण राहत तथा बचाव कार्य मुश्किल हो जाता है। पानी के तेज बहाव के कारण भूस्खलन से निकली मिट्टी कीचड़ और गाद के रूप में लोगों के घरों और खेतों में जमा हो जाती है।