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यूपी के सात पीपीएस अफसरों को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति, प्रमुख वन संरक्षक को पद से हटाया

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 साल से ज्यादा उम्र के प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के...
यूपी के सात पीपीएस अफसरों को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति, प्रमुख वन संरक्षक को पद से हटाया

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 साल से ज्यादा उम्र के प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के सात अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। यह फैसला स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। कमेटी ने भ्रष्टाचार और अक्षमता के आरोपों के आधार पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की संस्तुति की थी। इसके अलावा सरकार ने यूपी के प्रमुख वन संरक्षक पवन कुमार को भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटा दिया है। पवन कुमार पर जनपद सोनभद्र में वनभूमि को जेपी ग्रुप को गलत तरीके से देने का आरोप है।

जिन पीपीएस अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है उनमें 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सहायक सेनानायक अरुण कुमार, अयोध्या के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार राना, आगरा के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह राना, 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी के सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव, मुरादाबाद के मण्डलाधिकारी संतोष कुमार सिंह, 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा के सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खां शामिल हैं। 

हटाने की सिफारिश राज्यपाल ने की थी

आईएफएस पवन कुमार के खिलाफ राज्यपाल राम नाईक ने जुलाई माह में मुख्यमंत्री को कार्यवाही के लिए पत्र भेजा था। माना जा रहा है कि सीएम कार्यालय से निलंबन के आदेश भी हो गए हैं और सतर्कता जांच भी होने जा रही है। 151 पेज की भ्रष्टाचार की यह शिकायत जुलाई में हुई थी। इसी मामले में पिछले माह सरकार ने कैबिनेट में सोनभद्र में जेपी सीमेंट के खनन क्षेत्र के लिये वन भूमि 586.178 हेक्टयर की अधिसूचना निरस्त कर दी थी। साथ ही 470.304 हेक्टयर गैर वन भूमि कृषि के लिए देने पर मुहर लगाई थी। इसके लिए मड़िहान से भूमि अधिग्रहीत की जाएगी। जमीन का चार गुना मूल्य, पौधरोपण से आने वाला खर्च वहन करने के बाद फैक्ट्री शुरू हो सकेगी।

इन विभागों के अफसरों पर हो चुकी है कार्रवाई

सरकार पिछले दो वर्षों में अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दे चुकी है। इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं। ऊर्जा विभाग में 169, गृह विभाग के 51, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37, राजस्व विभाग के 36, बेसिक शिक्षा के 26, पंचायतीराज के 25, पीडब्ल्यूडी के 18, लेबर डिपार्टमेंट के 16, संस्थागत वित्त विभाग के 16, कामर्शियल टैक्स के 16, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16, ग्राम्य विकास के 15 और  वन विभाग के 11 अफसरों पर कार्रवाई कर चुकी है।

फरार इंस्पेक्टर पर इनाम घोषित

गाजियाबाद जिले में 70 लाख के गबन की आरोपी फरार इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान पर 25000 का ईनाम घोषित किया गया है। साथ ही छह अन्य पुलिसकर्मियों पर भी 25-25 हजार के इनाम की घोषणा की गई है। हाईकोर्ट से लक्ष्मी सिंह की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है और अदालत से कुर्की का भी आदेश हो चुका है। हालांकि आज मेरठ के एंटी करप्शन कोर्ट में लक्ष्मी सिंह ने सरेंडर कर दिया।

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