कांग्रेस ने बिहार के सृजन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में भी मुख्य आरोपी की संदिग्ध मौत हुई है लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान में लेकर अपनी निगरानी में जांच करानी चाहिए। साथ ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी के इस्तीफे की मांग भी की।
पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि सृजन मामले में कानूनी लड़ाई समेत सभी विकल्प खुले हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सीबीआई जांच के आदेश का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि इतना बड़ा घोटाला बिना मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की जानकारी के नहीं हो सकता है।
मनीष तिवारी और डा. अजोय कुमार ने बिहार सरकार की ओर से सृजन घोटाले को दबाने और साक्ष्यों को समाप्त करने का आरोप लगाया है। कुमार ने कहा कि बीस महीने की गठबंधन सरकार के दौरान इसका खुलासा नहीं हुआ लिहाजा बिहार सरकार में रहते हुए इसकी जानकारी नहीं हुई। उनका कहना है कि सरकारी खजाने में लूट का ये घोटाला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के पिछले कार्यकाल से शुरू हुआ है। बिहार सरकार इसे रफा-दफा करने में लगी है।
कांग्रेस ने भाजपा नेताओं और मंत्रियों के साथ सृजन घोटाले से जुड़े पदाधिकारियों के चित्र भी दिखाए। वहीं कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय के भी चित्र उनके साथ होने पर अजोय कुमार ने कहा कि राजनेता होने के नाते उनका चित्र हो सकता है लेकिन सत्ता से जुड़े लोगों की मदद से ही संस्था को करोड़ों का लाभ हुआ।
मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि आखिर संघ के वे कौन से दो मंत्री हैं जो इस घोटाले से जुड़े हैं और जिन्हें हटाकर उनकी जगह जदयू की दो मंत्रियों को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कराया जा रहा है।