पार्टी संयोजक एरेंद्रो लाइचोमबाम ने दावा किया है कि राज्य से संसाधनों को निचोड़ने के लिए अफ्स्पा लगाया गया है। उन्होंने बताया, मणिपुर में वर्ष 1980 में अफ्स्पा लागू किया गया था, तब राज्य में चार विद्रोही समूह थे। वर्ष 2016 में यह संख्या चार गुना बढ़कर 32 हो गई है।
आर्थिक नीति में स्नातकोत्तर लाइचोमबाम ने कहा कि उनकी पार्टी सबसे पहले मणिपुर से इस कानून को हटाना चाहती है और उसके बाद इस कानून को जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों से भी हटवाने का प्रयास करेगी।
मणिुपर विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली पीआरजेए कोष के संकट से जूझ रही थी और हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये चंदा जुटाने की मुहिम शुरू की। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 50 हजार रूपये का चंदा देने की घोषणा की थी।
लाइचोमबाम की पार्टी ने गत बुधवार तक 20 लाख रूपये जुटा लिए थे, जिसमें 1000 लोगों ने ऑनलाइन जबकि 5000 लोगों ने ऑफलाइन चंदा दिया है।
मणिुपर में त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में कांग्रेस या भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना के सवाल पर लाइचोमबाम ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। हालांकि भाजपा के साथ सहयोग के बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा।
पार्टी की सह-संयोजक इरोम शर्मिला के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर लाइचोमबाम ने बताया कि उनकी प्रमुख नेता बिल्कुल स्वस्थ हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों के लिए आगामी चार और आठ मार्च को दो चरण में चुनाव होना है और पीआरजेए महज तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
इसे सांकेतिक लड़ाई बताए जाने पर लाइचोमबाम ने कहा, बिल्कुल नहीं। पीआरजेए का एक विधायक 60 विधायकों के समतुल्य होगा। हम विधानसभा में लोगों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाएंगे। अगली बार हम सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
वर्ष 2010-2013 के बीच वल्र्ड बैंक फेलो रहे नेता ने कहा कि वे मणिुपर को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएंगे। इसके लिए वे राज्य के प्राकृतिक संसाधन और आधुनिक तकनीक का समन्वित उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि अफ्स्पा के अलावा राज्य से भ्रष्टाचार खत्म करना, बेरोजगारी दूर करना, लोकायुक्त को अमल में लाना और सौहार्दपूर्ण और समावेशी मणिपुर बनाना उनकी पार्टी का लक्ष्य है।
वहीं, अरविन्द केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर लाइचोमबाम ने कहा कि उनका पहला लक्ष्य अपनी पार्टी को स्थापित करना और पहचान दिलाना है, जिसके बाद ही वे गठबंधन के बारे में सोचेंगे। भाषा