लखनऊ में क्लॉक टॉवर पर अपने बच्चों के साथ सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे माता-पिता को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि माता-पिता बच्चों को तुरंत घर भेज दें अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वह कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहे। बुधवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि कई बच्चे स्कूल की बजाय धरना स्थलों पर थे, जिससे उनका खाना और दिनचर्या अनियमित हुई है।
बच्चों की दिनचर्या का रखा जाए खयाल
माता-पिता को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, “बच्चों के सर्वोत्तम हित और यह सुनिश्चित करने के लिए कि उन पर कोई मानसिक तनाव न हो, यह आवश्यक है कि बच्चों को तुरंत धरना स्थल से हटा दिया जाए। ऐसा न होने पर किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत कार्रवाई की जाएगी।” नोटिस में यह भी कहा गया है कि “18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बने व्यक्ति किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 यह अधिकार देता है कि उनके बचपन, बचपन, शिक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए। इसे सुनिश्चित करना सीडबल्यूसी करने का काम है।”यही वजह है कि सीडब्ल्यूसी ने ऐसे सभी परिवारों को क्लॉक टॉवर के पास अपने बच्चों के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए तुरंत उन्हें घर भेजने का आदेश दिया है ताकि उनकी सामान्य दिनचर्या को बहाल किया जा सके।
जुर्माने के साथ हो सकती है सजा
सीडब्ल्यूसी (लखनऊ) के अध्यक्ष कुलदीप रंजन और चार पैनल सदस्यों द्वारा जारी बयान में उस धारा के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई है जो बच्चों के साथ किए गए अपराध, क्रूरता के लिए लगाई जाती है। इस अपराध में तीन साल तक की सजा, एक लाख जुर्माने के साथ सजा या दोनों हो सकता है। संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ देशभर में विरोध जारी है। 17 जनवरी से लखनऊ के क्लॉक टॉवर में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर महिलाएं और बच्चे जुटे हुए हैं और उनके समर्थन में हर दिन लाखों लोग पहुंच कर अपना विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं।