हरियाणा के जींद में 120 दलितों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि राज्य के हिसार जिले के भाटला गांव के दलितों ने बौद्ध धर्म स्वीकार करने की धमकी दी है। दलितों ने गांव की ऊंची जाति के लोगों पर सामाजिक बहिष्कार करने का आरोप लगाया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार भाटला दलित संघर्ष समिति (बीडीएसएएस) के अध्यक्ष बलवान सिंह ने कहा कि उनका समुदाय पिछले साल जुलाई से सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और गांव की भाईचारा समिति के सदस्य इस मामले को सुलझाने में मदद नहीं कर रहे हैं।
गांव के एक दलित राज कुमार ने बताया कि सामाजिक बहिष्कार की वजह से लोगों को अपने पशु बेचने पड़े और वे रोजगार से वंचित हो गए। उन्होंने बताया कि दलितों के इलाके में पिछले तीन महीने से पानी और बिजली की सप्लाई भी रोक दी गई है। गांव के लोगों ने हाल में हांसी के मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।
इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट मे याचिका दाखिल करने वाले अजय भाटला ने बताया कि हाइकोर्ट के निर्देश पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक आयुक्त ने गांव का दौरा भी किया। लेकिन अधिकारियों ने उन्हें गलत जानकारी दी। हालांकि, संबंधित अधिकारी और पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है।
दलित कार्यकर्ता जय भगवान भाटला ने कहा कि दलित भय के माहौल में रह रहे हैं। वे ऐसी स्थिति में गांव में नहीं रह सकते है और किसी और जगह पर जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे सामाजिक बहिष्कार जारी रहने और प्रशासन की दलित विरोधी नीति के कारम निकट भविष्य में बौद्ध धर्म स्वीकार कर सकते हैं।
हालांकि, हांसी के पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र सिंह इन आरोपों से इनकार करते हुए कहते हैं कि भाटला में ऊंची जाति के लोगों द्वारा दलितों का सामाजिक बहिष्कार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट के निर्देश पर नियुक्त आयुक्त ने हाल ही में गांव का दौरा किया है और वे इस मामले में कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
इस महीने के प्रारंभ में जींद जिले में 120 दलितो ने अपनी मांग नहीं माने जाने के कारण बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था।