उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़ गई है। हरिद्वार जिले के एक गांव में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों की संख्या 70 हो गई है । मरने वालों में हरिद्वार और पड़ोसी सहारनपुर जिलों के लोग शामिल हैं। इस मामले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 175 और उत्तराखंड पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के बालूपुर और इससे लगे हुए गांवों में 24 लोगों की मौत हुई है।
गुरुवार को बालूपुर से जहरीली शराब पीकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित अपने घर पहुंचे 46 लोगों की भी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 35 मौतें सहानपुर जिले में ही हुई हैं। वहीं 11 अन्य लोगों को इलाज के लिए सहारनपुर से मेरठ भेजा गया था, उनकी मौत मेरठ में हुई।
शुक्रवार से लेकर अब तक कुछ और लोगों के मरने की रिपोर्टें मिली हैं और यह पता लगाने के लिए उनकी विसरा जांच की जा रही है कि क्या इनकी मौत का संबंध भी जहरीली शराब से ही है।
‘घटना दुर्भाग्यपूर्ण, दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा’
इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और जांच की जाएगी। मैंने घटना पर उत्तराखंड के सीएम से भी बातचीत की। कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस प्रकार की घटना पूर्व में भी हुई थी, जिसमें कई बार सपा कार्यकर्ता शामिल थे। सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और इलाज कर रहे लोगों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
आबकारी विभाग की ‘लापरवाही’ के चलते हुई जहरीली शराब से मौतें : हरीश रावत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जहरीली शराब से हुई मौतों को सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया है और कहा कि प्रदेश के आबकारी विभाग की ‘लापरवाही’ के चलते यह घटना हुई। उत्तराखंड सरकार द्वारा हादसे में मारे गये लोगों के परिवार के लिए दो-दो लाख रूपये मुआवजे की घोषणा का उल्लेख करते हुए रावत ने कहा कि यह राशि कम से कम पांच लाख रूपये होनी चाहिए। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज के लिए समुचित इंतजाम किए जाने चाहिए। रावत ने कहा, ‘‘बेहतर इलाज के लिए उन्हें हायर सेंटर भेज दिया जाना चाहिए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड अवैध शराब निर्माण का केंद्र बनता जा रहा है और इन इकाईयों को यहां के कुछ निवासियों का समर्थन मिल रहा है।