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एलजी आवास पर रातभर डटे रहे केजरीवाल और 3 मंत्री, कहा- संघर्ष जारी है

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच आईएएस अफसरों की अघोषित हड़ताल को लेकर टकराव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री...
एलजी आवास पर रातभर डटे रहे केजरीवाल और 3 मंत्री, कहा- संघर्ष जारी है

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच आईएएस अफसरों की अघोषित हड़ताल को लेकर टकराव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर सोमवार शाम से धरने पर बैठे हैं। उनके साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री गोपाल राय, सत्येंद्र जैन भी पूरी रात धरने पर रहे। 

केजरीवाल पिछले चार महीने से सरकार के कामकाज का बहिष्कार करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही दिल्ली सरकार की डोर टू डोर राशन योजना को मंजूरी देने की बात कह रहे हैं। उपराज्यपाल ने मांगों को मानने से मना कर दिया है जबकि केजरीवाल का कहना है कि मांगे पूरी होने तक वह डटे रहेंगे। उनका कहना है कि अफसरों की हड़ताल के कारण दिल्ली के लोगों के कामों पर असर पड़ रहा है। उपराज्यपाल ने जहां अफसरों में अविश्वास और डर का माहौल होने की बात कही है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे उपराज्यपाल द्वारा प्रायोजित हड़ताल करार दिया है। 

मंगलवार सुबह अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “मेरे प्यारे दिल्लीवासियों, सुप्रभात! संघर्ष जारी है।”

मुख्यमंत्री का आरोप है कि यह हड़ताल पीएमओ के कहने पर चुनी हुई सरकार के खिलाफ की जा रही है जिसे उपराज्यपाल बढ़ावा दे रहे हैं और दिल्ली की जनता इसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगी। कई अधिकारियों ने बताया है कि हड़ताल खत्म करने पर राजनिवास की ओर से उन्हें नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई है। उन्होंने कहा कि आज अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो आईएएस अफसरों की हड़ताल करने की हिम्मत नहीं होती और डोर स्टेप डिलीवरी राशन की व्यवस्था कब की लागू हो चुकी होती।

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि उनके पास सीबीआई, पुलिस, ईडी, आईटी, आईएएस, एसीबी- सब कुछ है। फिर वो इतना घबराए क्यों हैं? हमारे साथ सत्य है, आत्मबल है। इसीलिए चेहरों पर सुकून और मुस्कान है। सत्य में बड़ी ताकत होती है।

इधर, उपराज्यपाल निवास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि अफसरों में डर और अविश्वास का माहौल है, जिसे सीएम ही दूर कर सकते हैं। जहां तक डोर स्टेर राशन डिलीवरी की फाइल की बात है तो वह खाद्य मंत्री इमरान हुसैन के पास ही है। उसके लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी है जिसके लिए दिल्ली सरकार को ही कदम उठाने हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी बाकायदा दिल्ली सरकार की बैठकों में भाग ले रहे हैं और विरोध के बावजूद अपना काम कुशल तरीके से कर रहे हैं। सरकार की ओर से अफसरों के साथ सकारात्मक बातचीत की कोशिश तक नहीं हुई। आज भी तीन आईएएस अफसरों को विधानसभा से राहत के लिए कोर्ट जाना पड़ा।

वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्‍यपाल अनिल बैजल को ट्वीट करके कहा कि हमारे स्कूलों में वाइट वॉश का काम गर्मी की छुट्टियों में होना था। इस बार आपके आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के चलते ये काम शुरू ही नहीं हुआ। बड़ी मुश्किल से सरकारी स्कूलों की चमक लौटनी शरू हुई थी। इसका काम बंद करवाकर आप कह रहे हैं। आईएएस अफसर काम तो कर रहे हैं।


सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है सर कि दिल्ली के गरीब का राशन आपके लिए 'गैरजरूरी मुद्दा' है। गरीब आदमी से पूछ कर देखिए कि राशन चोरी रुकना और घर तक राशन पहुंचना उसके लिए कितना बड़ा मुद्दा है। सर हम आपके वेटिंग रूम में इंतजार में बैठे हैं। हमे उम्मीद है कि आपको यह कभी तो जरूरी लगेगा।

बता दें कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कथित मारपीट के बाद आईएएस पिछले करीब चार माह से हड़ताल पर हैं।

 

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