दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर इंदिरा गांधी स्टेडियम में आम आदमी पार्टी ने अपने नए आंदोलन का आगाज कर दिया है। केजरीवाल के इस अभियान को 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रचार की शुरुआत के रुप में भी देखा जा रहा है।
केजरीवाल ने कहा, ‘मोदी जी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। इसलिए उन्हें लोकसभा की सात सीटें मिलीं। इस बार चुनाव से पहले अगर वह वादा नहीं पूरा करते हैं तो उन्हें एक भी सीट नहीं मिलेगी।‘
साथ ही केजरीवाल ने कांग्रेस से सवाल किया, ‘राहुल गांधी जी स्पष्ट करें कि वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के पक्ष में हैं या नहीं क्योंकि कांग्रेस के कई नेता इसके खिलाफ बोलने लगे हैं।‘
कल से ‘आप’ कार्यकर्ता केजरीवाल की जनता के नाम लिखी गई चिट्ठी घर-घर जाकर पहुंचाएंगे। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डाले गए पत्र में केजरीवाल ने कहा है, “चुनावों से पहले पार्टियां अपने घोषणापत्र में वादा करती हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे, लेकिन इस मुद्दे पर पिछले 20 साल में किसी ने कुछ नहीं किया।”
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों द्वारा एक सरकार चुनने के बावजूद उप-राज्यपाल दिल्लीवासियों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर फैसला करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पास कोई ताकत नहीं है, जिसका मतलब है कि दिल्लीवासियों के वोट की कीमत जीरो है। उन्होंने कहा कि यह दिल्लीवासियों का अपमान है, क्योंकि वे राष्ट्रीय राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगवाना चाहते हैं। वे मोहल्ला क्लीनिक, स्कूल और राशन चाहते हैं, लेकिन उप-राज्यपाल ऐसा होने नहीं देंगे।
पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल केंद्र सरकार दिल्लीवासियों से आयकर के तौर पर 13,000 करोड़ रुपये वसूलती है। इस रकम में से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास पर खर्च किए जाते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या दिल्लीवासी यूं ही जूझते रहेंगे और चुप रहेंगे।
इंदिरा गांधी स्टेडियम में आम आदमी पार्टी द्वारा बुलाए गए सम्मेलन में 'एलजी साहब दिल्ली छोड़ो' के नारे गूंजे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मांग उठाई कि केंद्र सरकार नई दिल्ली और एनडीएमसी इलाके को अपने अधीन रखकर बाकी दिल्ली को आजाद करे।
जैन ने कहा कि, 'दिल्ली की आबादी 1.90 करोड़ है। 233 देशों में दिल्ली का स्थान 7वां है। 173 देशों की आबादी दिल्ली से कम है. 60 देशों की आबादी ही दिल्ली से ज्यादा है। हिमाचल, गोवा, सिक्किम जैसे दिल्ली से कम आबादी वाले राज्यों को अपने फैसले लेने का पूरा अधिकार है लेकिन दिल्ली को नहीं।'
सत्येंद्र जैन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'जब हम छोटे छोटे थे तो बीजेपी कांग्रेस वाले कहते थे कि दिल्ली को पूरा राज्य बनाने से दिल्ली का विकास होगा। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा ना दिए जाने के लिए अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन और ऑस्ट्रेलिया की राजधानी का हवाला दिया जाता है जबकि वॉशिंगटन की आबादी महज 6 लाख है।'
केंद्र सरकार पर सौतेला रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए जैन ने कहा, ‘दिल्ली को केंद्र से सिर्फ 325 करोड़ मिलते हैं जो कि एक चौथाई प्रतिशत है।‘