दिल्ली में लगातार सीलिंग से पैदा हुई समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस को बातचीत के लिए बुलाया है। रविवार को इस संबंध में केजरीवाल ने पत्र लिखकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के साथ भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी को 13 मार्च को अपने आवास पर आयोजित बैठक में आमंत्रित किया है।
मनोज तिवारी और अजय माकन को संबोधित अलग-अलग पत्र में केजरीवाल ने दिल्ली में सीलिंग संकट को भयावह स्थिति बताया है। उन्होंने पत्र में लिखा है- 'सीलिंग की वजह से दिल्ली में एक भयावह स्थिति पैदा हो गई है। दिल्ली के लोगों के हित में यह जरूरी है कि राजनीति से ऊपर उठकर इसका हल निकालने की कोशिश करें। इस विषय पर मैंने मंगलवार को 12 बजे अपने निवास स्थान पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। आप इस मीटिंग में सादर आमंत्रित हैं। मेरा सुझाव है कि प्रत्येक दल से तीन से अधिक व्यक्ति नहीं हों ताकि बैठक सुचारु रूप से चल सके और कुछ सार्थक समाधान निकल सके।'
#Delhi #Sealing issue: CM #ArvindKejriwal writes to BJP's Manoj Tiwari & Congress' Ajay Maken, invites them for a meeting on 13 March over the matter. pic.twitter.com/0gX0fop8p8
— ANI (@ANI) March 11, 2018
बता दें कि मास्टर प्लान-2021 में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केजरीवाल ने शनिवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आवश्यक कदम उठाने को कहा था। साथ ही मिलने का समय भी मांगा था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी पत्र लिखकर केजरीवाल ने मुलाकात का समय मांगा है।
मुख्यमंत्री के अनुसार सीलिंग समस्या का एक ही समाधान है कि संसद में तुरंत बिल लाकर तमाम विसंगतियों को दूर किया जाए। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया है कि सीलिंग बंद कराने के साथ-साथ जो दुकानें सील हो चुकी हैं, उन्हें डी सील कराया जाए।
वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने इसके समाधान के लिए मुख्यमंत्री और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा, ‘मैं, पूर्व शहरी विकास मंत्री, भारत सरकार के नाते यह दावे से कह सकता हूं कि दिल्ली को सीलिंग से बचाने के लिए मास्टर प्लान-2021 में काफी संशोधन किए गए थे तथा पूर्व कानून के प्रावधानों के हिसाब से सीलिंग नही हो सकती। मैं यह पहल इसलिए कर रहा हूं ताकि दिल्ली में चल रही दुकानों तथा उद्योगों को बचाया जा सके।‘