दिल्ली के मुख्य सचिव से बदसलूकी के मामले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला और प्रकाश जरवाल की पुलिस कस्टडी देने से कोर्ट ने इंकार कर दिया। पुलिस ने कोर्ट से दो दिन की कस्टडी मांगी थी। कोर्ट ने विधायकों को कल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
Alleged assault of Delhi Chief Secretary Anshu Prakash matter: Delhi Court dismisses Police's application seeking custody of the two AAP MLAs, bail hearing at 4.30 pm
— ANI (@ANI) February 21, 2018
तीस हजारी कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा कि दोनों विधायकों की दो दिन की पुलिस कस्टडी की जरूरत है। पुलिस को दोनों को आमने सामने बिठा कर पूछताछ करनी है। जांच में पूछताछ कर यह जानना है कि मुख्य सचिव से मारपीट और बदसलूकी करने के पीछे इनका क्या मकसद था जबकि बचाव पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि कस्टडी की कोई जरूरत नहीं है। अगर कहा जाए तो मीटिंग में मौजूद सभी विधायक जांच में शामिल हो सकते है। पुलिस अभी तक कुछ भी रिकवर नही कर पाई है। बुधवार को वी के जैन को तीन घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। अगर केस में कुछ दम होता तो उनको नहीं छोड़ा जाता। वहीं इस मामले में बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसके तहत कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
Alleged assault of Delhi Chief Secretary Anshu Prakash matter: Delhi Court sends the two AAP MLAs to judicial custody till tomorrow
— ANI (@ANI) February 21, 2018
चोट की मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि
पुलिस सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, चीफ सेक्रटरी की मेडिकल रिपोर्ट चोटों के निशान की पुष्टि करती है। रिपोर्ट में सामने आया है कि सीएस प्रकाश के शरीर पर कई घाव हैं, कटने के निशान हैं और उनके चेहरे के पास सूजन है।
सीएम,डिप्टी सीएम से हो सकती है पूछताछ
केजरीवाल के सलाहकार वी के जैन को पुलिस ने सिर्फ इसलिए हिरासत में लिया गया था क्योंकि उन्होंने ही मुख्य सचिव को फोन पर बैठक में आने को कहा था। चूंकि सारा विवाद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के सामने और उनकी मौजूदगी में हुआ है, ऐसे में मामले की पूरी सच्चाई जानने के लिए दिल्ली पुलिस इन दो नेताओं से भी पूछताछ कर सकती है। बैठक मुख्य सचिव के साथ सोमवार रात करीब 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर हुई थी। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा दस विधायक मौजूद थे, इनमें प्रकाश जारवाल, अजय दत्त, अमानतुल्ला खान, नितिन त्यागी, संजीव झा, मदनलाल, प्रवीण कुमार, राजेश गुप्ता, ऋतुराज झा और राजेश ऋषि शामिल थे।
उधर, मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने भी इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार की पुलिस, केंद्र के ही अफसर हैं तो गुंडई तो होनी ही है। भाजपा न काम कर रही है और न ही करने दे रही है।
बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि सोमवार देर रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया गया था। इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सरकारी विज्ञापन रिलीज करने का दबाव बनाया और उनके साथ मारपीट की। इस घटना के बाद मुख्य सचिव ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस में शिकायत दी, जिसके बाद ओखला विधायक अमानतुल्ला समेत अन्य विधायकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। बुधवार को विधायक अमानतुल्ला और प्रकाश जरवाल को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। उधर, आप ने आरोपों को सिरे से खारिज किया था।