Advertisement

UN शरणार्थी उच्चायुक्त के बाहर अफगानियों के प्रदर्शन पर दिल्ली हाईकोर्ट की चेतावनी, कहा- बन सकता है कोरोना का सुपर स्प्रेडर

पिछले कई दिनों से दिल्ली के वसंत विहार इलाके में बड़ी संख्या में अफगानी धरने पर बैठे हुए हैं। संयुक्त...
UN शरणार्थी उच्चायुक्त के बाहर अफगानियों के प्रदर्शन पर दिल्ली हाईकोर्ट की चेतावनी, कहा- बन सकता है कोरोना का सुपर स्प्रेडर

पिछले कई दिनों से दिल्ली के वसंत विहार इलाके में बड़ी संख्या में अफगानी धरने पर बैठे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के बाहर अफगानी नागरिकों के इकट्ठा होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें कार्ट ने कहा है कि यह कोविड-19 का सुपर स्प्रेडर बन सकता है। स्थिति को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

जस्टिस रेखा पल्ली की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि आप इस तस्वीरों को देखें। क्या ये कोई सुपर स्प्रेडर नहीं बन सकता?

उच्च न्यायालय ने वसंत विहार वेलफेयर एसोसिएशन की एक याचिका पर गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया था कि विदेशी नागरिकों (शरणार्थियों / शरण चाहने वालों) ने 15 अगस्त से दक्षिणी दिल्ली के वसंत विहार के बी ब्लॉक में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के कार्यालय के बाहर जमा हैं, इसके कारण निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि इन प्रदर्शनकारियों के कारण आम लोग जरूरी सामान खरीदने भी बाजार नहीं जा पा रहे हैं। वहीं कई अफगानी सड़कों पर ही कचरा फेंक रहे हैं। यह भी चिंता को बढ़ाने वाला कार्य साबित हो रहा है।

कोर्ट में केंद्र ने दलील दी है कि अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति सामान्य नहीं है। इस स्थिति में एक दिन में कोई भी फैसला नहीं लिया जा सकता है, उनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर पड़ सकता है। अब केंद्र और दिल्ली सरकार का जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि कोरना का खतरा कम नहीं हुआ है। इस बीच यह प्रदर्शन खतरे को बढ़ा सकता है।

याचिका में कहा गया है कि तालिबान बलों द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के कारण पिछले एक हफ्ते में अफगानिस्तान से ऐसे विदेशी नागरिकों की संख्या कई गुना बढ़ गई है, जिससे कई लोगों को भारत सहित विभिन्न देशों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad