दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने वाले विधेयक को चर्चा के बाद बुधवार को राज्यसभा ने भी पारित कर दिया। पिछले सप्ताह इसे लोकसभा से पारित किया जा चुका है। इसके साथ ही दिल्ली की इन कॉलोनियों में रहने वाले लाखों परिवारों को संपत्ति का मालिकाना हक देने का रास्ता भी साफ हो गया है।
चर्चा का जवाब देते हुए शहरी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इसके कानून बनने पर दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकाना अधिकार मिलने पर ये कालोनियां स्वयं नियमित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन कालोनियों में संपत्ति के स्वामित्व के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर महिला या उसके पति या परिवार के अन्य पुरुष सदस्य के नाम से संयुक्त रूप से संपत्ति का पंजीकरण किया जायेगा। हालाकि ज्यादातर विपक्षी दलों ने सरकार पर राजनीतिक लाभ के मकसद से इस विधेयक लाये जाने का आरोप लगाया।
चुनाव के चलते थमाया झुनझुनाः आप
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बहस के दौरान कहा कि 14 साल तक भाजपा को दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियो की याद नहीं आई। दिल्ली सरकार ने 2015 में विधेयक पारित करके केंद्र को भेजा तब कुछ नही किया लेकिन जब आज दिल्ली में चुनाव है तो लोगो को रजिस्ट्री देने का झुनझुना लेकर आ गए।
कांग्रेस ने बताया राजनीतिक स्टंट
कांग्रेस ने अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए लाए गए विधेयक को ‘‘राजनीति स्टंट’’ करार देते हुए दावा किया कि पांच साल में केंद्र सरकार ने इसकी सुध नहीं ली और दिल्ली विधानसभा के चुनाव करीब आते ही जल्दबाजी में यह विधेयक लाया गया। कैबिनेट की बैठक में चिह्नित 1,797 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला किया है।
पिछले महीने केंद्र सरकार ने कालोनियों को नियमित करने की घोषणा की थी। सरकार ने कहा था कि इससे अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले कम-से-कम 40 लाख लोगों को मालिकाना हक मिलेगा।