पश्चिमी दिल्ली के शकूरबस्ती में रेलवे द्वारा अवैध रूप से बसी झुग्गियों को हटाने के लिए तोड़-फोड़ की गई थी जिसमें करीब 1200 झुग्गि्यों को हटाया गया। रेलवे ने इस कार्रवाई पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि बुनियादी ढांचों के विस्तार के लिए अतिक्रमण को हटाने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। रेलवे ने कहा कि तीन नोटिस देने के बाद तोड़-फोड़ अभियान को शुरू किया गया था जिसमें 14 मार्च 2015 की समय सीमा दी गई थी। तोड़फोड़ के दौरान बच्ची की मौत पर रेलवे का कहना है कि यह घटना कल दोपहर 12 बजे तोड़फोड़ अभियान शुरू होने से दो घंटे पहले की है। वहीं पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि जब बच्ची का परिवार झुग्गी से बाहर जाने की तैयारी कर रहा था तब बच्ची पर कपड़ों का एक ढेर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शनिवार की देर रात घटनास्थल का दौरा किया और इतनी अधिक ठंड के समय में तोड़फोड़ अभियान शुरू करने के लिए रेलवे पर निशाना साधा। उन्होंने अभियान के बाद बेघर हुए लोगों के लिए तुरंत कंबल और भोजन उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। केजरीवाल ने बेदखल हुए लोगों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करने में विफल रहने के कारण दो सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को निलंबित कर दिया है।
इस घटना को लेकर राजनैतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने रेलवे की आलोचना करते हुए तोड़फोड़ अभियान के समय पर सवाल उठाया है। आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि अतीत में दिए गए अदालत के आदेशों के तहत रेलवे को लोगों के पुनर्वास के लिए प्रबंध करना चाहिए। बच्ची की मौत पर विपक्षी पार्टियों ने भी दिल्ली सरकार पर हमला तेज कर दिया है। हटाए गए लोगों के लिए वैकल्पिक आश्रय की व्यवस्था नहीं करने पर कांग्रेस ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पाटर्भ् और केन्द्र दोनों पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि यह कैसे संभव है कि इतने बडे तोड़फोड़ अभियान से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अनभिज्ञ हों।