डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कल जनकपुरी, अशोक विहार और ताहिरपुर इलाकों के तीन अस्पतालों में मरीजों के लिए 600 नए बिस्तर लगाने के आदेश दिए हैं। बाड़ा हिंदूराव अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी.के. खुराना ने बताया, 960 बिस्तरों में से लगभग 370 बिस्तरों पर पहले ही डेंगू के 600 मरीजों को रखा गया है। डेंगू के मरीजों को नौ वार्डों में रखा गया है। वे भी उनके लिए अपर्याप्त हो रहे हैं। डेंगू के मामलों में वृद्धि होने से गुरु तेग बहादुर अस्पताल सहित कई अस्पतालों में चिकित्सक ड्यूटी से अधिक समय तक काम कर रहे हैं। मरीजों को बेहतर हालात में नहीं रखा गया है, क्योंकि दो-तीन मरीज एक बिस्तर को साझा कर रहे हैं, जबकि अन्य मरीज बिस्तर की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
अस्पताल वर्तमान में केवल एक वार्ड में डेंगू के मरीजों को भर्ती कर रहा है, लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि बड़ी तादाद में इस रोग के मरीजों के आने के कारण अन्य वार्डों को भी डेंगू वार्ड में बदला जा रहा है। इस बीच, सरकार ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वे मच्छर-जनित रोग के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए अपने-अपने अस्पतालों में 10 से 20 प्रतिशत बिस्तरों की क्षमता बढ़ाएं और उन्हें चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने मरीजों को भर्ती करने से मना किया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डेंगू से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 1900 से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं। कथित रूप से निजी अस्पतालों द्वारा उपचार से इनकार करने के बाद सात वर्षीय अविनाश राउत और छह वर्षीय अमन शर्मा की पिछले हफ्ते डेंगू से मौत हो जाने से शहर के लोगों में आक्रोश है। अविनाश के माता-पिता ने अपने बेटे की मृत्यु के बाद आत्महत्या कर ली थी। हालात के मद्देनजर दिल्ली सरकार के अस्पतालों ने सभी डाक्टरों और नर्सों तथा लैब तकनीशियनों की छुट्टियां रद्द करने का आदेश दिया है। एहतियाती उपाय के तौर पर दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मच्छरों से बचाव के लिए अगले एक महीने तक छात्र पूरी बांह की कमीज और पेंट तथा छात्राएं सलवार कमीज पहन कर आएं।