विश्व स्वास्थ्य संगठन ने श्रीलंका को मलेरिया मुक्त होने का प्रमाण पत्र दे दिया। दक्षिण पूर्व एशिया में मालदीव तो तीस साल पहले से मलेरिया मुक्त हो चुका है। भारत ने विज्ञान-टेक्नोलॉजी के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़ी क्रांतिकारी प्रगति की है। फिर भी मच्छरों से फैलने वाले मलेरिया ही नहीं डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफलाइटिस जैसे बुखार से हर साल लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं।
सिंगापुर में 13 भारतीय जीका वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और इनका इलाज सिंगापुर में चल रहा है। सिंगापुर सरकार इस मच्छर जनित रोग से पीडि़त मरीजों की बढ़ती संख्या से जूझ रही है।
दिल्ली में चिकनगुनिया मामलों में सहसा वृद्धि के बीच चिकित्सकों एवं सरकारी अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि वे घबराएं नहीं क्योंकि यह मच्छर (वेक्टर) जनित रोग है जिसमें रोगी पस्त तो हो जाता है किंतु मृत्युभय नहीं रहता है।
ब्राजील ने अपने पड़ोसियों से जिका विषाणु से लड़ने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया है जिसकी वजह से क्षतिग्रस्त मस्तिष्क वाले बच्चे पैदा हो रहे हैं। वहीं, एयरलाइनों ने क्षेत्र की यात्रा करने से डर रहीं गर्भवती महिलाओं का किराया वापस करने की पेशकश की है। बढ़ रहे खतरे के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तेजी से फैल रहे विषाणु पर त्वरित गति से अनुसंधान करने को कहा है।
डेंगवेक्सिया के नाम से भारत में अभी गिने-चुने लोग ही परिचित हैं मगर यकीन मानें, अगले एक वर्ष में देश की शायद बड़ी आबादी इस नाम से परिचित हो जाएगी। दरअसल यह नाम है दुनिया में डेंगू बुखार के उस पहले टीके का जिसे किसी देश में आधिकारिक रूप से बिक्री का लाइसेंस जारी किया गया है।
दिल्ली में पांच साल में डेंगू के सबसे बुरे प्रकोप के चलते यहां अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि चिकित्सक शिकायत कर रहे हैं कि वे काम के बोझ से दबे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेक्टर-जनित रोग को नियंत्राण करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि डेंगू के मामलों की संख्या 2,000 तक पहुंचने को है।