महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नागपुर कोर्ट ने समन जारी किया है। फडणवीस पर चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाने का आरोप है। वकील सतीश उके का आरोप है कि फडणवीस ने अपने हलफनामे में दो आपराधिक मुकदमों की जानकारी को छिपाई। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बनाई है। बता दें कि फडणवीस नागपुर से विधायक हैं।
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से फडणवीस को मिल गई थी राहत
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से फडणवीस को राहत मिल गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नागपुर की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फडणवीस के खिलाफ समन जारी किया है। इस संबंध में नागपुर सदर थाने के इंस्पेक्टर महेश बंसोड़े ने बताया कि समन पूर्व मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया गया है।
मजिस्ट्रेट एसडी मेहता ने बताया कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 125 ए के तहत देवेंद्र फडणवीस को नोटिस जारी की गई है। बताया जाता है कि फडणवीस के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मुकदमा साल 1996 और 1998 में दर्ज हुए थे। हालांकि दोनों ही मामलों में आरोप तय नहीं हुए हैं।
वकील उके ने क्या लगाए हैं आरोप
वकील उके ने आरोप लगाया था कि फडणवीस ने नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में इन दोनों ही मामलों का जिक्र नहीं किया है। उके की याचिका पर निचली अदालत ने 4 नवंबर को भी नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के दौरान ही फडणवीस को जारी किया गया था नोटिस
बताया जा रहा है कि फडणवीस को नोटिस उसी दिन जारी किया गया, जिस दिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 78 घंटों में ही फडणवीस को इस्तीफा देना पड़ा और शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस गठबंधन की सरकार के मुखिया के रूप में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
			 
                     
                    