द्रमुक कोषाध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा, उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश से समग्र जांच करायी जानी चाहिए तथा लोगों को सच्चाई बतायी जानी चाहिए।
अदालत द्वारा प्रश्न खड़ा किये जाने की पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा कि सरकार के लिए पूर्व अन्नाद्रमुक प्रमुख के इलाज का समग्र ब्योरा लेकर सामने आना जरूरी है।
कल न्यायमूर्ति वैद्यनाथन ने कहा था कि वह दिवंगत नेता का शव खोदकर निकाले जाने का आदेश दे सकते हैं। स्टालिन ने एक बयान में कहा कि अस्पताल में उनके इलाज से जुड़े पूर्ण मेडिकल बुलेटिन, वीडियो फुटेज और फोटो जारी किए जाने चाहिए।
जयललिता के इलाज पर पहले ही श्वेतपत्र की मांग कर चुके द्रमुक नेता ने कहा कि 23 सितंबर को जयललिता केा भर्ती किये जाने के बाद से सरकार का कोई बयान नहीं आया।
उन्होंने कहा कि केंद्र और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम का दिवंगत नेता के इलाज से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देना दायित्व बनता है। दिल्ली के एम्स के चिकित्सकों ने भी उनका इलाज किया था।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जयललिता की वास्तविक स्थिति बतायी होती और उनके इलाज की तस्वीरें जारी की होती हो यह मामला अदालत की चौखट पर पहुंचता ही नहीं।
भाषा