बोर्ड के सदस्य और साथ ही एफसीसी के सदस्य शर्मा ने समिति की सिफारिशों पर हस्ताक्षर किया था। शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली मेट्रो के यात्री किराये में बढ़ोतरी की सिफारिश करने के लिए समिति का गठन किया था।
सूत्र ने कहा कि बैठक में वित्त सचिव ने दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व किया और दिल्ली सरकार ने रिपोर्ट के अध्ययन के लिए और समय मांगा। सूत्र ने कहा, इस स्थिति में डीएमआरसी के चैयरमैन एवं शहरी विकास सचिव राजीव गौबा के पास विषय को लेकर फैसला टालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। सितंबर में समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कथित रूप से न्यूनतम किराया मौजूदा आठ रुपये से बढ़ाकर दस रुपये और अधिकतम किराया मौजूदा 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये करने की सिफारिश की गयी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने आखिरी बार 2009 में किराया बढ़ाया था।
सरकार ने किराये की समीक्षा के लिए इस साल जून में दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम.एल. मेहता के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। (एजेंसी)