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सिंधिया ने कहा- मध्य प्रदेश में गठबंधन के लिए दरवाजे खुले, सीटों का बंटवारा नहीं बनेगा बाधा

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में मध्य प्रदेश में गठजोड़ के संकेत दिए। उन्होंने कहा...
सिंधिया ने कहा- मध्य प्रदेश में गठबंधन के लिए दरवाजे खुले, सीटों का बंटवारा नहीं बनेगा बाधा

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में मध्य प्रदेश में गठजोड़ के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गठजोड़ के लिए उनकी पार्टी के ‘दरवाजे खुले’ हैं और पार्टियों के साथ गठबंधन में सीटों का बंटवारा ‘गतिरोध’ नहीं बनेगा। सिंधिया का ये बयान राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस-बीएसपी के बीच हो रही बातचीत के वक्त आया है।

मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार प्रभारी सिंधिया ने इस बात पर भी जोर दिया कि लंबे समय बाद राज्य में शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ सभी पार्टियों के नेता ‘एकजुट’ काम कर रहे हैं।

बीएसपी से गठजोड़ के लिए उनकी पार्टी के दरवाजे खुले हैं’: सिंधिया

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में सिंधिया ने प्रदेश में बीएसपी के साथ कांग्रेस के संभावित गठजोड़ के बारे में कहा कि उनकी पार्टी के ‘दरवाजे खुले हैं’ और वह दूसरी पार्टियों से ‘चर्चा’ के लिए तैयार हैं लेकिन जोर दिया कि यह साफ समझ होनी चाहिए कि अंतिम लक्ष्य क्या है।

गुना से सांसद ने कहा, ‘और अगर यह लक्ष्य ऐसी सरकार बनाना है जो लोगों की सेवा करे तो निश्चित रूप से उन राज्यों में जहां वे सहयोगी पार्टियां मजबूत हैं, उन्हें जगह दी जानी चाहिए लेकिन इसके साथ ही, बड़े और ज्यादा मजबूत साझेदार को यह तय करना चाहिए कि समूचे गठबंधन को साथ लेकर चलने के लिए बराबर का सम्मान भी उन्हें दी जाए।’

विधानसभा चुनाव की जीत 2019 के चुनावों से पहले बदल देगी कांग्रेस की लय

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का मुख्य चुनावी नारा होगा, ‘यह बदलाव का समय है और अब समय आ चुका है।’ उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनावों में जीत निश्चित रूप से 2019 चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी की लय बदल देगी और उसे ‘बड़ी गति’ मिलेगी।

'मजबूत क्षेत्रीय पार्टी को मिलेगा हक'

सिंधिया ने इस दौरान कहा कि मध्य प्रदेश में गठबंधन की कोशिश 2019 को ध्यान में रखकर की जा रही है। जरूरत पड़ने पर क्या कांग्रेस कर्नाटक मॉडल को दोहराएगी और क्षेत्रीय पार्टी का जूनियर पार्टनर बनना पसंद करेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा, 'हर पार्टी को गठबंधन में उचित जगह मिलनी चाहिए। अगर किसी राज्य में कोई क्षेत्रीय पार्टी मजबूत स्थिति में है, तो उसे उसका हक मिलेगा। यही बात कांग्रेस के लिए लागू होती है। ज्यादा अहम यह है कि एक प्रोग्रेसिव और धर्मनिरपेक्ष सरकार के अंतिम लक्ष्य पर सहमति बने, जिससे सभी नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा हो सके।'

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