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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी, 9 घंटे की भूख हड़ताल खत्म

दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 19वां दिन हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर...
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी, 9 घंटे की भूख हड़ताल खत्म

दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 19वां दिन हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का एक दिन की भूख हड़ताल खत्म हो गई है। सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने आज सुबह आठ बजे से अपना अनशन शुरू किया था जो शाम पांच बजे तक चला। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बातचीत के दरवाजे खुले हैं।

अनशन खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन दोआबा के अध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार को हमारा संदेश है कि उसकी नीतियों के कारण 'अन्नदाता' को आज अनशन करना पड़ा। सरकार को तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए।

अनशन के दौरान आज ऑल इंडिया किसान को-ऑर्डिनेशन कमेटी से जुड़े दस संगठनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। ये संगठन यूपी, तेलंगाना, पंजाब, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों से आए थे। इन्होंने केंद्र के नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन दिया और एक ज्ञापन सौंपा।

इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर किसान चर्चा के लिए कोई प्रस्ताव भेजते हैं तो हम बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि किसान नए कृषि कानून की हर धारा पर चर्चा करें।

किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी ने भी एक दिन का अनशन किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अनशन पर रहे। इसमें डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप नेता आतिशी सहित अन्य लोग शामिल हुए। केजरीवाल ने कहा कि किसी भी देश की नींव किसान और जवान होते है अगर देश के किसान और जवान संकट में हो तो देश कैसे खुशहाल हो सकता हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को देशद्रोही कह कर गंदी राजनीती करना बंद करो।

दोपहर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह के आवास मुलाकात के लिए पहुंचे। इसके अलावा किसान आंदोलन के बीच कृषि मामलों पर जीओएम की बैठक भी हुई। इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे।

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