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प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए किसानों ने फसल काटने से किया इंकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रस्तावित कार्यक्रम के आयोजन स्थल के लिए किसानों ने अपनी फसल को खेतों से काटने से इनकार कर दिया है। आगामी 12 मार्च को प्रधानमंत्री को बिहार के वैशाली के सुल्तानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कुछ रेल परियोजनाओं का उद्घाटन करना है। किसानों के इनकार के बाद स्थानीय रेल प्रशासन अब सभा के लिए वैकल्पिक जगह की तलाश कर रहा है।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए किसानों ने फसल काटने से किया इंकार

बिहार के वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर से 6 किलोमीटर दूर सुल्तानपुर गांव के किसानों ने आगामी 12 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के आयोजन के लिए निर्धारित किए गए आयोजन स्थल से अपनी गेंहू की फसल को समय से पहले काटने से इंकार कर दिया है। वैशाली जिलाधिकारी रचना पाटिल ने बताया कि हमलोग इस मामले पर गौर कर रहे हैं। पूर्व मध्य रेल (इसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार रजक ने बताया कि विरोध के मद्देनजर वैकल्पिक आयोजन स्थल पर विचार किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने भी वैकल्पिक आयोजन स्थल तलाशे जाने के बारे में पूछे जाने पर उसे खारिज नहीं किया।

 

इसीआर द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री गंगा नदी पर बने दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल तथा मुंगेर में एक नया रेल पुल जनता को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में पीएम कुछ ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। रेलवे के इस कार्यक्रम के अलावा उसी दिन पीएम पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी समारोह में भाग लेंगे।

 

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ए के रजक ने बताया कि गत बुधवार को इसीआर के महाप्रबंधक ए के मित्तल और बिहार के मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह ने बैठक कर यह निर्णय लिया था कि जिन किसानों के फसल की क्षति होगी उसकी भरपाई की जाएगी। हाजीपुर अनुमंडल अधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा पिछले दो दिनों से किसानों को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए अपने खेत उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया जा रहा है। इससे प्रभावित होने वाले एक किसान राजा राम राय ने बताया कि खेतों में लगी गेंहू फसल उनके छोटे बच्चों की तरह है जिसकी वह कुर्बानी नहीं दे सकते। खबरों के अनुसार स्थानीय कद्दावर भाजपा नेता किसानों से सुलह का रास्ता निकालने के लिए प्रयासरत हैं।

 

 

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