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झारखंड: तिलक के दिन जिंदा बेटी का कर दिया अंतिम संस्कार, चचेरे भाई से शादी करने पर था नाराज

समाज में कथित प्रतिष्‍ठा और मर्यादा का सवाल जो न करा दे। जिस दिन बेटी की तिलक थी पिता ने उसी दिन जिंदा...
झारखंड: तिलक के दिन जिंदा बेटी का कर दिया अंतिम संस्कार, चचेरे भाई से शादी करने पर था नाराज

समाज में कथित प्रतिष्‍ठा और मर्यादा का सवाल जो न करा दे। जिस दिन बेटी की तिलक थी पिता ने उसी दिन जिंदा रहते हुए उसका अंतिम संस्‍कार कर दिया। अंतिम संस्‍कार के रूप में बेटी के पुतले को घाट किनारे परिजनों के साथ जाकर चिता के हवाले कर दिया। अमूमन प्रतीक स्‍वरूप पुतले को चिता पर रख अंतिम संस्‍कार तब करते हैं जब किसी की मौत के बाद लाश न मिले। मगर झारखंड के रामगढ़ जिला के चितरपुर प्रखंड के लारी विष्‍णु टोला के सुनील महतो ने ऐसा इसलिए किया क्‍योंकि उनकी पुत्री ने अपने ही चचेरे भाई से शादी कर ली।

घटना से आहत सुनील महतो कहते हैं कि बेटी की इस हरकत ने उनकी सामाजिक प्रतिष्‍ठा धूमिल कर दी। उनकी बेटी बीते 28 फरवरी को ही अकलू महतो के बेटे के साथ बिना बताये निकल गई और विवाह कर लिया। दोनों आपस के चचेरे भाई बहन हैं। बेटी के गायब होने के बाद सुनील महतो ने रजरप्‍पा थाना में अपहरण का आवेदन दिया था शादी करने की जानकारी के बाद आवेदन वापस ले लिया। इधर रजरप्‍पा पुलिस कहती है कि लड़का और लड़की दोनों बालिग हैं और आपसी रजामंदी से शादी की है। वैसे पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

अंतत: आहत पिता ने बेटी का पुतला बनाकर लारी के सिमरा घाट पर चिता सजा उसका अंतिम संस्‍कार कर दिया। इस मौके पर पारंपरिक तरीके से सिर मुडाया, एक रंगा पहना और मुखाग्नि भी दी। कहा कि मेरे लिए बेटी अब मर चुकी है। जिस दिन बेटी का अंतिम संस्‍कार किया उसी दिन उसके तिलक की तैयारी थी। रांची के खेलगांव के पास संबंध तय किया गया था। मगर बेटी की इस हरकत ने दोहरा झटका दिया।

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